रेबीज से बचाव का एकमात्र उपाय टीकाकरण है : डॉ. सिविल सर्जन देविंदर ढांडा

0
334
World Rabies Day
World Rabies Day
  • विश्व रेबीज दिवस के संदर्भ में आम लोगों को रेबीज रोग के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता पोस्टर का विमोचन
  •  देश में हर साल करीब 20 हजार लोगों की मौत रेबीज संक्रमण से होती है
    जगदीश, नवांशहर:
    सिविल सर्जन डॉ. देविंदर ढांडा के कुशल नेतृत्व में जिला स्वास्थ्य विभाग ने विश्व रेबीज दिवस के संदर्भ में आम जनता को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता पोस्टर जारी किया। रेबीज की बीमारी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग 28 सितंबर 2022 को विश्व रेबीज दिवस मनाने जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य रेबीज की बीमारी और इसकी रोकथाम के बारे में आम जनता में जागरूकता फैलाना है।

करीब 20 हजार लोगों की मौत रेबीज संक्रमण से होती है

World Rabies Day
World Rabies Day

सिविल सर्जन डॉ. देविंदर ढांडा ने आज सिविल सर्जन कार्यालय में जागरूकता पोस्टर जारी करते हुए जिलेवासियों से हलका की बीमारी से सावधान रहने को कहा है. उन्होंने कहा कि कुत्ते के अलावा बिल्ली या किसी अन्य जानवर के काटने से रेबीज होने का खतरा रहता है। यह वायरस से फैलने वाली एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। देश में हर साल करीब 20 हजार लोगों की मौत रेबीज के संक्रमण से हो जाती है। रेबीज से बचाव का एकमात्र उपाय टीकाकरण है

रेबीज एक वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर संक्रमित जानवर के काटने से फैलता है। इस बीमारी का वायरस कुत्ते, बिल्ली, बंदर समेत कई अन्य जानवरों के काटने से व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। रेबीज वायरस कभी-कभी किसी पालतू जानवर द्वारा चाटने या जानवर की लार के साथ रक्त के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। रेबीज एक जानलेवा बीमारी है, जिसके लक्षण बहुत देर से दिखाई देते हैं। अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो यह बीमारी जानलेवा साबित होती है। उन्होंने जिले के निवासियों से भी अपील की कि जिन लोगों ने अपने घरों में पालतू कुत्ते पाल रखे हैं. उन्हें उनका टीकाकरण अवश्य कराना चाहिए ताकि कुत्ते के काटने की स्थिति में लोगों को रेबीज से बचाया जा सके।

रेबीज रोग के प्रति जागरूकता पोस्टर का विमोचन

World Rabies Day
World Rabies Day

उन्होंने कहा कि रेबीज का कोई इलाज नहीं है, केवल बचाव के उपाय किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कुत्ते या किसी अन्य जानवर के काटने पर किसी भी व्यक्ति को लापरवाही नहीं करनी चाहिए। बल्कि सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध मुफ्त इलाज का लाभ उठाकर इस बीमारी से बचना चाहिए। जिले में जिला अस्पताल, नवांशहर, उपमंडल अस्पताल, बलाचोर, सीएचसी, बंगा, सीएचसी, सरोआ और सीएचसी। मुकंदपुर में रेबीज का टीका लगाया जाता है।

उन्होंने कहा कि रेबीज के 99 प्रतिशत मामले केवल कुत्ते के काटने से जुड़े होते हैं, जिसके इलाज के लिए एंटी रैबीज का टीका नि:शुल्क दिया जाता है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक उपचार के रूप में घाव को 15 मिनट तक बहते पानी में साबुन से धोने से इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है। कुत्ते के काटने के बाद तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाना और चिकित्सकीय सलाह के अनुसार एंटी रैबीज टीकाकरण कराना बहुत जरूरी है, जिससे काफी हद तक रेबीज की बीमारी से बचा जा सकता है।

World Rabies Day
World Rabies Day

इस अवसर पर स्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी रहे उपस्थित

इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा उप चिकित्सा आयुक्त डॉ. डॉ. हरप्रीत सिंह, जिला परिवार कल्याण अधिकारी। राकेश चंद्रा, जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. राकेश पाल, श्यामावेद, जिला समूह शिक्षा एवं सूचना अधिकारी जगत राम, पीए अजय कुमार, स्वास्थ्य निरीक्षक राजीव कुमार एवं सुनीता रानी सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.

ये भी पढ़ें: आईबी कॉलेज में ऑनलाइन राष्ट्रीय स्तरीय पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता

ये भी पढ़ें: फार्मेसी क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं : रेड्डी

ये भी पढ़ें: फ़ेस्टिवल सीजन:एलिवेटेड से होकर जाएंगे ऑटो

 Connect With Us: Twitter Facebook

SHARE