Today Breaking News : क्या शेख हसीना को लेकर भारत और बांग्लादेश के रिश्ते बिगड़ेंगे

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Today Breaking News : क्या शेख हसीना को लेकर भारत और बांग्लादेश के रिश्ते बिगड़ेंगे
Today Breaking News : क्या शेख हसीना को लेकर भारत और बांग्लादेश के रिश्ते बिगड़ेंगे

बांग्लादेश की पूर्व पीएम ने ले रखी है भारत में शरण, बांग्लादेश पहले ही कर चुका है प्रत्यर्पण की मांग

Today Breaking News (आज समाज), नई दिल्ली : गत दिवस बांग्लादेश के कोर्ट ने शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या भारत में राजनीतिक शरण लेकर रह रही शेख हसीना को भारत सरकार बांग्लादेश को सौंपेगी या फिर इस मामले में दोनों देशों के संबंध में दरार आएगी। आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से भारत और बांग्लादेश के रिश्तें उतने मधुर नहीं रहे हैं जितने ये पिछले दशकों में थे।

बांग्लादेश के वर्तमान पीएम व उनकी सरकार भारत से ज्यादा पाकिस्तान से नजदीकी बनाए हुए हैं। पिछले दिनों दिल्ली में हुए बम हमले के बाद पाकिस्तान ने अपना एक युद्धपोत बांग्लादेश के जलक्षेत्र में भेजा था। अब सवाल यह उठता है कि शेख हसीना के प्रत्यार्पण को लेकर भी दोनों देश एक दूसरे के आमने-सामने आएंगे या फिर कोई अन्य रास्ता निकाला जाएगा।

बांग्लादेश पहले भी कर चुका है मांग

बांग्लादेशी न्यायाधिकरण के फैसले और अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के शेख हसीना को प्रत्यर्पित किए जाने की मांग के बावजूद यह बात तो साफ है कि भारत सरकार ऐसा नहीं करेगी। भारत हमेशा से अपने मित्रों के लिए जोखिम उठाता रहा है। बांग्लादेश सरकार के दिसंबर, 2024 में हसीना को सौंपे जाने की मांग के बावजूद भारत ने उन्हें सुरक्षित रखा हुआ है। फैसले के बाद सोमवार को सरकार ने जो बयान जारी किया, उसमें भी इस मसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। खास बात यह है कि न्यायाधिकरण का फैसला एकतरफा है, इसमें हसीना को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया है। यह मामला आपराधिक से ज्यादा राजनीतिक है, यही आधार है जो प्रत्यर्पण न करने के भारत के पक्ष को मजबूत बनाता है।

भारत-बांग्लादेश के बीच 2013 में हुई थी प्रत्यर्पण संधि

भारत-बांग्लादेश ने 2013 में प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए थे, इसके आधार पर ही बांग्लादेश हसीना को सौंपने की मांग कर रहा है। इसमें 2016 में संशोधन हुआ था। इसी संधि के तहत भारत ने 2020 में शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के दो दोषियों को बांग्लादेश भेजा था। संधि में दोनों देशों के बीच अपराधियों के आदान-प्रदान की शर्तें शामिल हैं। पर किसी अपराधी का प्रत्यर्पण तभी किया जाएगा, जब अपराध दोनों देशों में अपराध माना जाए। न्यूनतम एक वर्ष की सजा दी गई हो और आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट हो।

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