पंजाब में बढ़ी गेहूं की आवक, जाने खरीद

*पंजाब में बढ़ी गेहूं की आवक * जोरों पर खरीद

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Wheat Arrival in Punjab
Wheat Arrival in Punjab

आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
पंजाब में इन दिनों गेहूं की आवक(Wheat Arrival in Punjab) तेजी से हो रही है। इसके साथ-साथ खरीद भी जोरों पर है। अधिकतर हिस्सों में खरीद एजेंसियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं कि मंडी के संचालन को अधिक कुशलता के साथ अंजाम दिया जाए।

2017 में डाले किसानों के खाते में 6.5 करोड़

पंजाब में 10 अप्रैल तक सरकारी एजेंसियों (government agencies)की ओर से गेहूं की कुल खरीद ने पिछले पांच वर्षों में इसी समय तक गेहूं की खरीद के सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस साल सरकारी एजेंसियों ने अब तक 4.3 लाख टन गेहूं की खरीद की है। जबकि इसी अवधि के दौरान वर्ष 2018 में गेहूं की रिकॉर्ड खरीद 38,019 टन थी। इस वर्ष राज्य सरकार ने अब तक 138 करोड़ रुपये की एमएसपी का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया है। जबकि इससे पहले किसानों को भेजी गई सबसे अधिक रकम साल 2017 में 6.5 करोड़ रुपये थी।

सरकार किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

इन रिकॉर्ड तोड़ आंकड़ों को राज्य सरकार की ओर से की सुचारू व्यवस्था का परिणाम बताते हुए सरकार ने कहा है कि पंजाब सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार किसानों की मेहनत की कृषि उपज की निर्बाध बिक्री की सुविधा के लिए हर संभव कदम उठाना जारी रखेगी। मंडी बोर्ड के मोहाली स्थित हेडक्वार्टर में एक कंट्रोल रूम (control room at the headquarters)बनाया गया है। जिससे एक अप्रैल से शुरू हुए खरीफ के मंडियों से खरीद सीजन के दौरान खरीद के कामों से जुड़ी किसानों और आढ़तियों को पेश आने वाली मुश्किलों का तत्काल हल निकाला जा सके।

मंडी बोर्ड के नंबर भी जारी

मंडी बोर्ड ने किसानों और आढ़तियों की समस्याओं को तुरंत सुलझाने के लिए संपर्क नंबर भी जारी किये हैं। किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदने के लिए पंजाब सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि गेहूं की बेरोकटोक खरीद के लिए उचित बंदोबस्त पहले ही किए जा चुके हैं। इस सम्बन्ध में डिप्टी कमिश्नरों और खरीद एजेंसियों को जरूरी हिदायतें भी जारी की जा चुकी हैं। मंडी बोर्ड और फूड और सिविल सप्लाई विभाग के कर्मचारी प्रात:काल 8 बजे से रात 8 बजे तक कंट्रोल रूम में मौजूद रहेंगे। जिससे किसानों और आढ़तियों को कोई परेशानी आने पर तुरंत मसला सुलझाया जा सके।

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