Vijay International School Balana : विजय इंटरनेशनल स्कूल, बलाना में शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को नमन कर मनाया गया शहीदी दिवस

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विजय इंटरनेशनल स्कूल, बलाना में शहीदों को नमन करते चेयरमैन विजय यादव टूमना व स्टाफ सदस्य।
विजय इंटरनेशनल स्कूल, बलाना में शहीदों को नमन करते चेयरमैन विजय यादव टूमना व स्टाफ सदस्य।
  • भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव राष्ट्र की स्वतंत्रता और एकता के लिए अहम व्यक्ति : चेयरमैन विजय यादव टूमना

Aaj Samaj (आज समाज),Vijay International School Balana ,नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़: विजय इंटरनेशनल स्कूल, बलाना में देश के महान क्रांतिकारी एवं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को नमन कर शहीदी दिवस मनाया। इस अवसर पर विद्यालय के चेयरमैन विजय यादव टूमना, प्राचार्य डॉ. एस.एस. यादव एवं उप-प्राचार्य नत्थू सिंह ने तीनों महान क्रांतिकारियों को पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी। विद्यालय के चेयरमैन विजय यादव टूमना ने कहा कि 23 मार्च का यह दिन पूरे देश में ऐतिहासिक महत्व रखता है क्योंकि यह भारतीय स्वतंत्रता की संघर्ष में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत की वर्षगांठ के रूप में जाना जाता है, जो राष्ट्र की स्वतंत्रता और एकता के लिए अहम व्यक्ति थे।

श्रद्धांजलि और आदर के रूप में विद्यालय के विद्यार्थी और स्टाफ ने इन वीर शहीदों के अद्वितीय आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने अनेक गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन किया। छात्रों ने देशभक्ति और समर्पण के भाव को बढ़ावा देते हुए कविताओं और भाषणों का प्रस्तुतीकरण किया, जिससे यह साबित होता है कि शहीदी दिवस एक एकीकृत, गर्वशील और राष्ट्रभक्ति भावना को उत्पन्न करने में कितना महत्वपूर्ण है।

प्राचार्य डॉ. एस.एस. यादव ने छात्रों को भगत सिंह, राजगुरु, और सुखदेव के जीवन और विचारधारा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी, और राष्ट्र के प्रति साहस, बलिदान और समर्पण के महत्व को उजागर किया। उप-प्राचार्य नत्थू सिंह ने बताया कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अद्वितीय और शौर्यपूर्ण योद्धाओं थे, जिनकी शहादत भारतीय इतिहास में अमर है। उन्होंने अपनी जान की आहुति देकर भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ा और अपने अदम्य साहस और निष्ठा का परिचय दिया।

इस अवसर पर विद्यार्थियों को स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानियों की शहादत को दिखाने वाली डॉक्यूमेंट्री का भी प्रसारण किया जिससे छात्रों के भावनात्मक विकास में मदद मिली। इन स्मृतियों को धारण करके विद्यार्थियों ने शहीदों की विरासत को संरक्षित रखने और राष्ट्रवादी नागरिकों की नस्ल को पोषण करने का आश्वासन दिया।

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