पंजाब कैबिनेट मंत्री ने बेअदबी और नशे के मुद्दे पर अकालियों और कांग्रेस को घेरा
Chandigarh News Update (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने विधानसभा के विशेष सत्र में बेअदबी बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस और शिअद पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान हरजोत बैंस ने कहा कि सभी धार्मिक ग्रंथों की रक्षा हेतु महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंजाब सरकार ने पवित्र ग्रंथों के विरुद्ध अपराध की रोकथाम संबंधी बिल, 2025 प्रस्तुत किया है, जिसका उद्देश्य पंजाब में सभी धर्मों के सम्मान और मर्यादा को सुनिश्चित करना है।
पंजाब विधानसभा में इस बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए हरजोत बैंस ने कहा कि वर्ष 1984 में श्री हरिमंदिर साहिब और अकाल तख्त साहिब पर हुए सैन्य हमले के कारण सिख समुदाय के जख्म आज भी हरे हैं। उन्होंने कहा कि सिख नरसंहार और गुरु नगरी अमृतसर में की गई इस घिनौनी कार्रवाई के 41 वर्ष बीतने के बावजूद पीड़ितों को न्याय नहीं मिला।
बेकसूर सिखों पर गोलियां चलाने वाले कभी बख्शे नहीं जाएंगे
उन्होंने उन लोगों की निंदा की जो पंथ की सेवा और सिख धर्म की रक्षा का दावा करते हैं, लेकिन जब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र अंगों की बेअदबी की गई, तब सत्ता के नशे में चूर इन नेताओं ने कोई परवाह नहीं की। बैंस ने कहा कि यदि इन्होंने पंजाब के खजाने को लूटा भी होता या हर जिले में सुखविलास जैसे होटल खड़े कर लिए होते, तब भी शायद लोग माफ कर देते, लेकिन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और सियासी लाभ के लिए सिख संगत पर गोलियां चलाना कभी माफ नहीं किया जा सकता।
पिछली सरकारों ने नशे के अवैध कारोबार को बढ़ावा दिया
बैंस ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने नशे के कारोबार को सरंक्षण दिया और धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर चुपचाप समझौते किए। पंजाब को धार्मिक आधार पर बांटना, युवाओं को नशे में धकेलना और राज्य की समृद्ध विरासत को नष्ट करना एक दशक लंबी साजिÞश का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने पवित्र ग्रंथों के विरुद्ध अपराध रोकथाम बिल, 2025 को पेश करके सभी धर्मों के सम्मान को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
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