Business News Hindi : अमेरिका में तेल उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहा ट्रंप प्रशासन

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Business News Hindi : अमेरिका में तेल उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहा ट्रंप प्रशासन
Business News Hindi : अमेरिका में तेल उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहा ट्रंप प्रशासन

भारत सहित अन्य देशों पर डाल रहा अमेरिका से कच्चा तेल खरीदने का दबाव

Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के उत्पादन को बढ़ाने और इसके निर्यात के लिए मौजूदा अमेरिका प्रशासन लगातार प्रयासरत्त है। इसके लिए राष्टÑपति डोनाल्ड ट्रंप एक तरफ जहां नई नीतियां बना रहे हैं वहीं उन्होंने कच्चा तेल उत्पादन बढ़ाने और इसके निर्यात पर भी विशेष तौर पर रणनीति बनाई है।

इसके तहत जहां अमेरिका ने भारत सहित कई अन्य देशों पर रूस से तेल आयात बंद करने पर दबाव बनाया है वहीं स्वंय रूस की दो बड़ी तेल उत्पादक कंपनियों को भी बैन कर दिया है। आंतरिक सचिव और नॉर्थ डकोटा के पूर्व रिपब्लिकन गवर्नर डग बर्गम सोमवार को अबू धाबी तेल शिखर सम्मेलन में मौजूद थे। बर्गम ट्रम्प की राष्ट्रीय ऊर्जा प्रभुत्व परिषद के अध्यक्ष हैं। अमेरिका में एक गैलन गैसोलीन की औसत कीमत, जो देश का एक प्रमुख आर्थिक और राजनीतिक संकेतक है, सोमवार को 3.03 अमेरिकी डॉलर थी।

विश्व में कच्चे तेल के उत्पादन को लेकर उठापटक

मौजूद परिदृश्य में विश्व के कई तेल उत्पादक देशों के बीच एक बड़ी प्रतिस्पर्धा वर्तमान समय में जारी है। जिसके तहत ये देश ज्यादा से ज्यादा कच्चा तेल उत्पादन और उसके निर्यात पर फोकस कर रहे हैं। इसी के चलते यूएई आने वाले वर्षों में अपनी तेल उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 50 लाख बैरल प्रतिदिन करने की योजना बना रहा है, क्योंकि वह अपने देश में अधिक स्वच्छ ऊर्जा की तलाश कर रहा है।

यूएई में चल रहा एडीआईपीईसी का सम्मेलन

तेल सम्मेलन, जिसे एडीआईपीईसी के नाम से जाना जाता है, संयुक्त अरब अमीरात द्वारा 2023 में संयुक्त राष्ट्र सीओपी 28 जलवायु वार्ता की मेजबानी के बाद आयोजित किया गया है। यह वार्ता लगभग 200 देशों की ओर से पृथ्वी का तापमान बढ़ाने वाले जीवाश्म ईंधन से दूर जाने के आह्वान के साथ समाप्त हुई। यह पहली बार था, जब सम्मेलन में यह महत्वपूर्ण प्रतिज्ञा की गई।

वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य के बीच अबू धाबी में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय तेल सम्मेलन की शुरूआत हुई। इससे कुछ घंटे पहले ही ओपेक+ देशों और उनके सहयोगियों ने 2026 की पहली तिमाही में प्रस्तावित उत्पादन बढ़ोतरी को रोकने का निर्णय लिया। यह फैसला वैश्विक तेल बाजार में संभावित आपूर्ति बढ़ने की चिंताओं को देखते हुए लिया गया है।

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