केडीबी को ज्योतिसर तीर्थ पर विराट स्वरूप के पास से पेड़ काटने की नहीं मिली इजाजत

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Tree cutting was not allowed
डॉ. राजेश वधवा,कुरुक्षेत्र:
 ग्रीन अर्थ संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्क्षता वाली एनजीटी की मुख्य खंडपीठ ने मुख्य सचिव हरियाणा को आदेश दिए है कि प्रदेश में एक उपयुक्त रेगुलेटरी मेकेनिज्म एक महीने में बनाकर अमल में लाएं। चार सदस्य खंडपीठ के अन्य सदस्य जस्टिस अरुण कुमार त्यागी, प्रोफेसर ए सेंथिल वेल तथा डॉ अफरोज अहमद थे। गौरतलब है की हाल ही में ज्योतिसर मंदिर परिषर में कृष्ण वाटिका में विराट स्वरूप स्थापित किया है जिसके आस -पास खड़े विभिन्न प्रजातियों के 24 पेड़ काटने की योजना थी। संगठन सदस्य अधिवक्ता सुशिल कुमार ने बताया कि ये पेड़ सत्तर के दशक में पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसी लाल ने लगाए थे।

मुख्य सचिव, हरियाणा को एक महीने में प्रदेश में उपयुक्त रेगुलेटरी मेकेनिज्म बनाने के दिए आदेश

पेड़ों को बचाने के लिए ग्रीन अर्थ संगठन ने मई में एनजीटी में याचिका डाली थी। एनजीटी ने 25 मई को इन पेड़ों की कटाई पर स्टे लगा दिया था तथा अगली सुनवाई 26 अगस्त को होनी थी लेकिन केडीबी ने स्टे हटाने के लिए जल्दी सुनवाई के लिए याचिका डाल दी जिस पर एक जुलाई को बहस सुनने के बाद खंडपीठ ने अपना फैंसला सुनाया। सुनवाई दौरान सरकार के वकील ने कहा कि विराट स्वरूप की विजिबिलिटी के लिए 7 पेड़ काटने की अनुमति दी जाए। इस पर ग्रीन अर्थ ने ऐतराज जताया व पीठ को अवगत कराया कि ये पर्यावरण का मामला है तथा पेड़ों को काटने की कोई अनुमति नहीं ली गई है।

वृक्ष सरंक्षण अधिनियम 1994 की तरह का कोई भी रेगुलेटरी मैकेनिज्म हरियाणा में नहीं

इस पर सरकार की तरफ से बहस कर रहे वकील ने बताया कि दिल्ली के वृक्ष सरंक्षण अधिनियम 1994 की तरह का कोई भी रेगुलेटरी मैकेनिज्म हरियाणा में नहीं है, इसलिए वन क्षेत्र के बाहर पेड़ काटने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं है। बहस सुनने के बाद खंडपीठ ने आदेश दिया कि पेड़ों का पर्यावरणीय महत्व है तथा बिना किसी रेगुलेशन या अनुमति के पेड़ों की कटाई की अनुमति नहीं दी जा सकती। राज्य पब्लिक ट्रस्ट डॉक्ट्रिन के सिद्धांत में बंधा है इसलिए पेड़ों के मामले में रेगुलेटरी मैकेनिज्म बनाए ताकि पर्यावरण संबंधी मामले इस मेकेनिज्म अनुसार हल किये जा सके। खंडपीठ ने मुख्य सचिव हरियाणा को आदेश दिए की एक महीने में रेगुलेटरी मैकेनिज्म बनाये तथा पेड़ों को काटने के मामले में रेगुलेटरी मैकेनिज्म की अनुपालना सुनिश्चित करें। इस बाबत की कार्यवाही रिपोर्ट 9 सितम्बर तक ट्रिब्यूनल में दाखिल करें। संगठन सदस्य डॉ नरेश भारद्वाज ने बताया कि रेगुलेटरी मेकेनिज्म बनने के बाद प्रदेश में आए दिन बिना किसी खास कारण के पेड़ों को काटने घटनाओं पर रोक लगेगी तथा पेड़ों को सुरक्षित किया जा सकेगा।

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