Maa Katyayani Puja: आज शारदीय नवरात्र के छठे दिन इस शुभ मुहूर्त में करें मां कात्यायनी की पूजा

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Maa Katyayani Puja: आज शारदीय नवरात्र के छठे दिन इस शुभ मुहूर्त में करें मां कात्यायनी की पूजा
Maa Katyayani Puja: आज शारदीय नवरात्र के छठे दिन इस शुभ मुहूर्त में करें मां कात्यायनी की पूजा

मां दुर्गा के छठे स्वरूप कात्यायनी को समर्पित है छठा नवरात्र
Maa Katyayani Puja, (आज समाज), नई दिल्ली: Maa Katyayani Puja: आज शारदीय नवरात्र के छठे दिन इस शुभ मुहूर्त में करें मां कात्यायनी की पूजा

षष्ठी देवी और छठ मैया का संबंध

हिंदू शास्त्रों के अनुसार षष्ठी देवी भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री कही गई हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में इन्हें स्थानीय भाषा में छठ मैया के नाम से भी पूजा जाता है। भक्तों का विश्वास है कि मां कात्यायनी की आराधना करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

शुभ मुहूर्त

शारदीय नवरात्रि 2025 में षष्ठी तिथि 27 सितंबर को दोपहर 12:06 बजे से शुरू होकर 28 सितंबर दोपहर 2:28 बजे तक रहेगी। इस बार मां कात्यायनी की पूजा का शुभ दिन 28 सितंबर होगा। इसी दिन भक्त पूरे विधि-विधान से मां की आराधना करेंगे।

राहु काल और दिशाशूल

  • राहु काल: सांय 4:30 से 6:00 बजे तक
  • दिशाशूल- नैऋत्य एवं पश्चिम

ऋषि कात्यायन से जुड़ी कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां कात्यायनी का जन्म ऋषि कात्यायन के यहां हुआ था। इसी कारण उन्हें कात्यायनी नाम से जाना जाता है. मां दुर्गा का यह स्वरूप अत्यंत दिव्य, तेजस्वी और शक्तिशाली माना गया है।

इस मंत्र का करें जाप

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कात्यायनायै नम: के जप से आप मां दुर्गा के छठें स्वरुप मां कात्यायनी का आह्वान कर सकते हैं।

इस विधि से करें मां कात्यायनी की पूजा

सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें और फिर पूजा स्थल को भी स्वच्छ करें। हिंदू मान्यता के अनुसार ईशान कोण में मां कात्यायनी का चित्र या मूर्ति स्थापित करने के लिए चौकी लगाएं। इसके बाद इस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर मां का चित्र रखें। इसके ऊपर गंगा जल छिड़कें। माता को पीले रंग के पुष्प और वस्त्र अर्पित करें।

देवी के इस स्वरूप को पीला रंग अत्यधिक प्रिय है। मां कात्यायनी की धूप-दीप, फल-फूल, रोली-अक्षत, पीली मिठाई आदि से पूजा करने के बाद देवी के मंत्र ॐ देवी कात्यायन्यै नम:, श्लोक के साथ मां की पूजा करें। अंत में मां कात्यायनी की आरती करें और उसके बाद प्रसाद बांटकर स्वयं भी ग्रहण करें।

सुनहरी आभा वाला है मां का छठा रूप

नवरात्र के छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है। मां का ये रूप सुनहरी आभा वाला और सोने के समान तेज वाला है। इनकी चार भुजाएं हैं, जिनका एक हाथ वर मुद्रा में है और दूसरा अभय मुद्रा में है। इनके तीसरे हाथ में तलवार और चाथे हाथ में कमल का फूल है। मां का ये रूप भी सिंह की सवारी करता है।

पीले फल या मिठाई का भोग लगाएं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा में पीले फल या फिर पीली मिठाई का भोग लगाना चाहिए।

शादी में बाधा आ रही है तो करें ये उपाय

मां कात्यायनी को भक्तों को संकटों से उबारने वाला माना जाता है। मां अपने भक्तों की हर कामना को पूरा करती हैं। अगर, किसी के विवाह में बाधा आ रही हो तो उसे नवरात्र के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा में खड़ी हल्दी और पीले फूल चढ़ाकर पूजा करनी चाहिए।

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