
सनातन धर्म में वैकुंठ चतुर्दशी का है खास महत्व 
Vaikuntha Chaturdashi Shubh Yog, (आज समाज), नई दिल्ली: आज कार्तिक मास की वैकुंठ चतुर्दशी मनाई जा रही है। इस दिन भगवान विष्णु ने काशी में महादेव की पूजा की थी। इसलिए आज के दिन भगवान शिव और विष्णु जी की पूजा करने का विधान है। आज के दिन वैकुंठ चतुर्दशी पर रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग जैसे कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इन योगों में भगवान शिव और विष्णु जी की पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। पूजा के लिए निशिता काल में 52 मिनट का शुभ मुहूर्त है। इन योग में भगवान शिव और विष्णु जी की पूजा करने से लक्ष्मी नारायण जी की विशेष कृपा बरसेगी। आइए, वैकुंठ चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-
वैकुंठ चतुर्दशी शुभ योग
- रवि योग: सुबह 06 बजकर 08 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक
 - सर्वार्थ सिद्धि योग: 04 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से
 - अमृत सिद्धि योग: 04 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से
 - अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11 बजकर 24 मिनट से दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक
 - भद्रावास: रात10 बजकर 36 मिनट से पूरी रात
 
निशिता काल
सनातन शास्त्रों में निहित है कि वैकुंठ चतुर्दशी पर निशिता काल में जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसके लिए निशिता काल में भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। वैकुंठ चतुर्दशी पर निशिता काल में पूजा के लिए सिर्फ 52 मिनट का समय है। निशिता काल देर रात 11 बजकर 39 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 31 मिनट तक है। इस दौरान साधक भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा कर सकते हैं।
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