अमेरिका, चीन जैसे देशों से भी तेजी से की ग्रोथ
Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारत की अर्थव्यवस्था तेज गति व मजबूती से आगे बढ़ रही है। यह खुलासा हाल ही में एक अंतरराष्टÑीय रिपोर्ट में हुआ है। इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि भारत ने इस दौरान अमेरिका, चीन जैसे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है। दरअसल यह रिपोर्ट हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की तीन सदस्यीय आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन रहे जैसन फुरमन ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक और संबंधित देशों के आंकड़ों के आधार पर तैयार की है।
इस रिपोर्ट में भारत की अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के झटके से उबरते हुए उससे पहले की स्थिति से भी आगे निकल गई है। महामारी के बाद बुनियादी ढांचे, आपूर्ति शृंखला और डिजिटल क्षेत्र में किए गए मजबूत सुधार के लिए किए गए उपायों के कारण यह बदलाव आया है।
दूसरे देश अभी वह गति प्राप्त नहीं कर पाए
भारत की तुलना में अमेरिका, चीन, रूस और यूरो-एशिया जैसी अर्थव्यवस्थाएं अभी महामारी के झटके से उबरने के लिए ही जूझ रही हैं। फुरमन ने विभिन्न चार्ट के जरिये भारत, अमेरिका, यूरो एरिया यानी यूरोपीय संघ, रूस और चीन की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना की है और अनुमानित विकास दर पेश किया है। 2019 से 2025 की तीसरी तिमाही तक के आंकड़ों का आकलन किया गया है।
2025 की तीसरी तिमाही में दुनिया को चौका सकता है भारत
फुरमन के आकलन के अनुसार, 2025 की तीसरी तिमाही तक भारत की जीडीपी कोरोना से पहले की वास्तविक जीडीपी रुझान को पार करते हुए 10 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। इन सब कारकों से इस साल के अंत तक भारत के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है। उक्त अवधि के दौरान अमेरिका की जीडीपी भी बढ़ेगी, लेकिन उसकी प्रगति 5 फीसदी आसपास रहेगी।
चीन कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा
चीन और यूरो एरिया के रुझानों से काफी नीचे रहेंगे जो क्रमश: माइनस 10 प्रतिशत और माइनस 5 प्रतिशत है। चीन के प्रॉपर्टी क्षेत्र में आए संकट और डेमोग्राफिक मंदी के साथ-साथ यूक्रेन युद्ध से यूरोप के ऊर्जा क्षेत्र में आई कमजोरी इसकी मुख्य वजह है। इनकी तुलना में यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद रूस की जीडीपी कोरोना से पहले के रास्ते पर अग्रसर है, हालांकि, उसकी गति धीमी हो गई है, लेकिन सकारात्मक बनी हुई है और लगभग 1.1 फीसदी पर बनी हुई है।


