राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप अपनी वेशभूषा, अपने देसी अंदाज, अपनी गतिविधियों और अपने आक्रामक बयानों के कारण अक्सर चर्चा में रहते हैं। ट्विटर पर अपनी भावनाएं जाहिर करते हुए एक बार फिर से वह चर्चा में हैं। महागठबंधन में सीटें मांगने वाले तेजप्रताप ने अपने ट्विटर एकाउंट पर राष्ट्रकवि दिनकर की कविता रश्मिरथी की पंक्तियां शेयर कर अपने ही छोटे भाई पर वार कर दिया। इस पर विरोधियों ने चुटकी लेनी शुरू की, तो ट्विटर पर ही उन्होंने विरोधियों को जवाब दिया। तेजप्रताप ने ट्वीट किया कि जो भी मेरे और मेरे परिवार के बीच आएगा उसका सर्वनाश निश्चित है। परिवार की इस उथल-पुथल के बीच लालू प्रसाद की मुलाकात के बाद तेजस्वी को स्थितियों को दरकिनार करते हुए चुनावी मिशन में लगने का निर्देश मिला। इधर, तेजप्रताप ने राष्ट्रकवि दिनकर की कविता रश्मिरथी की पंक्तियां ट्वीट कर दी। सियासी गलियारे में तेजप्रताप के इस ट्वीट का अर्थ यह निकाला गया कि अपने छोटे भाई तेजस्वी को वह बतौर दुर्योधन पेश कर रहे हैं। दरअसल, महाभारत में एक प्रसंग है, जब पांडव सत्ता में हिस्सेदारी नहीं मिलने पर कौरवों से केवल पांच गांवों की मांग की थी और दुर्याधन ने पांडवों की वह मांग भी ठुकरा दी थी।
तेजप्रताप ने ट्विटर पर लिखा कि..
दुर्योधन वह भी न दे सका, आशीष समाज की ले न सका
उल्टे, हरि को बांधने चला, जो था असाध्य, साधने चला
जब नाश मनुष्य पर आता है, पहले विवेक मर जाता है।
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