अध्यापकों को बुलाया, जीटीयू और साझा अध्यापक मोर्चा ने जताया रोष

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राज चौधरी, पठानकोट:
दो दिन पहले ही शहर के सरकारी सीनियर सैकेडरी स्कूल लमीनी में सैपलिंग के दौरान विद्यार्थियों के कोरोना पाजिटिव पाये जाने के बाद इसे कंटोनमेंट जोन एरिया घोषित करते हुए आगामी १४ दिनों के लिए स्कूल बंद कर दिया गया है परंतु बावजूद इसके आज स्कूल मुखियों को लमीनी स्कूल में शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गई ग्रांटों के लिए बुलाया गया जिसका जीटीयू तथा सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब ने कड़ा विरोध किया है। जानकारी देते हुए जीटीयू के जिला प्रधान बोधराज, उपप्रधान रवि दत्त, सांझा अध्यापक मोर्चा के कंनीवनर विनोद कुमार,रविकांत तथा रमन कुमार ने कहा कि उन्होंने रोष जताते हुए कहा कि एक तो स्कूल प्रबंधन की ओर से जिस जगह पर पहले ही कोरोना के मामले आने के बाद उसे कंटोनमेंट जोन एरिया घोषित करते हुए आगामी हुकमों तक बंद किया गया है वहीं दूसरी ओर अध्यापकों के पीने के पानी से लेकर अन्य सुरक्षात्मक कोई प्रबंध नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि
पंजाब साल २०२०-२१ में पी.जी.आई (परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडैकस) में १००० में से ९२९ अंक प्राप्त करके देश का पहला प्रांत बन गया है। इसमें यहाँ सरकार ने कोशिशे की है, वहीं अध्यापक वर्ग ने बड़े स्तर पर अपनी जेबों में से पैसे 2ार्च किऐ हैं। विभाग और सरकार दोनों इस बात को मानते है। इसके अलावा यहां अध्यापकों ने अपनी जेबों में से पैसे 2ार्च किए है, वहीं उन्होंने स्कूल समय के बाद और छुट्टी वाले दिन भी स्कूलों में आकर मेहनत की है।

अलग-अलग कार्यो के लिए अपनी ग्रांट जैसे टायलेट ग्रांट ५०००० रुपए, ऐजुूकेशन पार्क १०००० रुपए, बाला वर्कस ५००० रुपए जैसी ऐसी ग्रांटें है कि कार्य प्रणाली को पूरा करने के लिए अध्यापकों को अपनी जेबोंं से पैसे 2ार्च करने पड़ते है। इसी तरह लगभग ९५ प्रतिशत स्कूलों में कोई सफाई कर्मचारी/पार्ट टाईम न होने के कारण स्कूल कंपलै1स की सफाई, टायलेटस इत्यादि की सफाई भी अध्यापक वर्ग अपनी जेबों में से करवा रहे है। पर इसके बाबजूद भी स्कूलों के प्रिंसीपल/इंचार्ज को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने प्री-प्राईमरी कलासों को शुरू कर दिया है परंतु छोटे बच्चों के लिए किसी भी तरह के अटैंडेंट/हैल्पर की भर्ती अभी तक नहीं किये । प्राईमरी स्कूलों में अब पांच की जगह सात कलासें है पर अलग स्टाफ का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। जिला पठानकोट में से 2ार्च की गई १९००० रुपए की ग्रांट की जांच पिछले एक साल से हो रही है। इस संबंध में स्कूल ङ्क्षप्रसीपल/इंचार्ज ने कई बार संबंधित फाईले जमा करवाई जा चुकी है परंतु बावजूद इसके इन ग्रांटों की जांच के लिए प्राईमरी स्कूल प्रिंसीपल/इंचार्ज को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अगर यह सिलसिला इसी तरह चलता रहा तो अध्यापक वर्ग अगली ग्रांटे 2ार्च करने से इंकार करेंगे।

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