GST New Rate Apply : नई जीएसटी दरों को लेकर राज्यों को भी करनी होगी तैयारी

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GST New Rate Apply : नई जीएसटी दरों को लेकर राज्यों को भी करनी होगी तैयारी
GST New Rate Apply : नई जीएसटी दरों को लेकर राज्यों को भी करनी होगी तैयारी

केंद्र के बाद अब राज्यों को एसजीएसटी की नई दरें अधिसूचित करनी होंगी

GST New Rate Apply  (आज समाज), बिजनेस डेस्क : जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी दरों में संशोधन का फैसला 4 सितंबर को लिया गया था। उसी दिन वित्त मंत्री ने यह खुलासा कर दिया था कि जीएसटी की दरों में संशोधन के बाद रोज मर्रा की किन वस्तुओं के दाम कम होंगे और किन वस्तुओं को जीएसटी से पूरी तरह से बाहर कर दिया गया है। साथ ही यह भी कहा गया था कि जीएसटी की नई दरें 22 सितंबर से प्रथम नवरात्र के दिन एक साथ पूरे देश में लागू होंगी।

नई दरों को लेकर केंद्र ने जारी की अधिसूचना

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने वस्तुओं के लिए नई केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) दरें अधिसूचित कर दी हैं। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। केंद्र के बाद राज्यों को भी अब इसी आधार पर वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाली राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) दरें अधिसूचित करनी होंगी। जीएसटी से आने वाला राजस्व केंद्र और राज्यों के बीच बराबर-बराबर बांटा जाता है। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में स्पष्ट अनुसूचियां जारी करके सरकार ने विभिन्न वस्तुओं पर लागू दरों पर स्थिति साफ की है। सरकार के निर्देश के अनुसार व्यवसायों को अपने सिस्टम को तुरंत अपडेट करना होगा और आपूर्ति शृंखलाओं में नई दरों के आधार पर मूल्य निर्धारण करना होगा। जीएसटी परिषद की 3 और 4 सितंबर को हुई बैठक में दरों को कम करने का फैसला लिया गया था।

चार सितंबर को वित्त मंत्री ने की थी यह घोषणा

वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी काउंसिल ने आठ साल पहले के नियमों में ऐतिहासिक सुधार करते हुए चार की जगह अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब को मंजूरी दे दी थी। काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने आम सहमति से जीएसटी की सिर्फ दो दरों, 5 और 18 फीसदी को मंजूरी दी गई थी। वित्त मंत्री ने कहा था कि 175 से अधिक वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। वर्तमान में जीएसटी की चार दरें 5, 12, 18 और 28 फीसदी लागू हैं।

नई दरों के तहत आम लोगों से जुड़ी खाद्य वस्तुओं, दुर्लभ बीमारियों और कैंसर की दवाओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पॉलिसियों को भी करों से छूट दे दी गई है। इसकी लंबे अरसे से मांग उठ रही थी। वहीं, फास्ट फूड, धनाढ्य वर्ग के उपभोग में आने वाली लग्जरी कारों समेत शराब, तंबाकू जैसी चुनिंदा विलासिता की एवं जीवन के लिए हानिकारक वस्तुओं के लिए 40 फीसदी का विशेष कर स्लैब बनाया गया है।

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