Speed Breeding and Micrometeorology Lab Inaugurated शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने हकृवि में स्पीड ब्रीडिंग और माइक्रोमेटेरोलॉजी लैब का किया उद्घाटन

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Education and Forest Minister Kanwarpal Gurjar
Education and Forest Minister Kanwarpal Gurjar

Speed Breeding and Micrometeorology Lab Inaugurated

नई किस्म जारी करने में लगेगा एक तिहाई समय, हरियाणा में ऐसी पहली लैब होगी
आज समाज डिजिटल, चण्डीगढ़
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में हरियाणा मेें खेती के लिए उपयुक्त फसलों में उन्नत पौध प्रजनन सामग्री के तेजी से उत्पादन के लिए हाई-टेक लैब का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी. आर. काम्बोज भी मौजूद रहे। इस अत्याधुनिक सुविधा के परिणामस्वरूप राज्य के कृषि अनुसंधान परिदृश्य में बड़ा बदलाव आएगा जिसका हरियाणा ही नहीं अपितु पूरे देश के किसानों को लाभ होगा क्योंकि इससे फसलों की किस्मों को तेजी से विकसित करने में मदद मिलेगी।

शिक्षा मंत्री ने माइक्रोमेटेरोलॉजी लैब का किया उदघाटन Speed Breeding and Micrometeorology Lab Inaugurated

कंवर पाल ने विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग में नवस्थापित माइक्रोमेटेरोलॉजी लैब का भी उदघाटन किया। यह लैब फसलों पर जलवायु के प्रभाव का आकलन करने तथा फसलों पर कीड़ों व रोगों का तापमान, नमी व अन्य मौसमी घटकों का संबंध की जानकारी पर अनुसंधान करने व उनके निवारण में बहुत सहायक सिद्ध होगी।

यह लैैब स्पकट्रो रेडियों मीटर, कनोपी एनालाइजर, लीफ एरिया मीटर प्लांट, लीफ क्वान्टम सैंसर और हाइड्रो मीटर इत्यादि अत्याधुनिक उपकरणों से सुस्सजित है जो फसलों पर मौसम के प्रभाव का आकलन करके भविष्य में होने वाली गतिविधियों के बारे में सचेत करेंगे। इस लैब के साथ स्मार्ट ट्रेनिंग हाल भी बनाया गया है जो किसानों को प्रशिक्षण देने और विद्यार्थियों के लिए प्रयोगात्मक अध्ययन करने के लिए फायदेमंद साबित होगा।

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विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा कि बदलते जलवायु परिदृश्य में फसल सुधार कार्यक्रमों को बहु-दिशात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप फसलों की उपज में स्थिरता या संभावित उपज की क्षति, जैविक और अजैविक तनाव दबावों में वृद्धि हुई है।

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उन्होंने कहा कि अधिकांश फसलों की नई किस्म को जारी करने के लिए लगभग 10-12 वर्ष का समय लगता है लेकिन स्पीड ब्रीडिंग से 3 से 4 साल में ही किस्म जारी की जा सकेगा । उन्होंने कहा कि हरियाणा की प्राकृतिक जलवायु परिस्थितियाँ अधिकांश प्रमुख फसलों जैसे गेहूँ, बाजरा, ज्वार, चना, सरसों आदि के लिए एक से अधिक फसल प्रजनन चक्र लेने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इसीलिए बेमौसमी फसल लेने के लिए देश में दूर-दराज के स्थानों का उपयोग करना पड़ता है। उपरोक्त सुविधा के निर्माण से हरियाणा में ही बेमौसमी फसल लेने में सुविधा होगी, जिससे प्रजनन चक्र कम होगा और समय भी कम लगेगा।
इस अवसर पर शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह, सभी डीन डायरेक्टर और विभागाध्यक्ष भी उपस्थित थे।

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