सोना 600 रुपए प्रति 10 ग्राम जबकि चांदी 900 रुपए प्रति किलो हुई सस्ती
Gold Price Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : वैश्विक बाजारों में कीमत कम होने और घरेलू बाजार में ग्राहकों की सुस्त मांग के चलते गुरुवार को दोनों कीमती धातुओं सोने और चांदी की कीमत में थोड़ी मंदी देखी गई। गुरुवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 600 रुपए प्रति 10 ग्राम सस्ता होकर 1,31,600 रुपए प्रति 10 ग्राम बिका जबकि चांदी में लगातार दूसरे दिन गिरावट जारी रही और इसकी कीमत 900 रुपए घटकर 1,80,000 रुपए प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) रह गई।
बुधवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाली यह बहुमूल्य धातु 1,32,200 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी, जबकि पिछली बार चांदी की कीमत 1,80,900 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। यहां पर आपको बता दें कि वैश्विक स्तर पर सोना हाजिर 0.15 प्रतिशत गिरकर 4,197.10 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। इसके अलावा, विदेशी बाजार में हाजिर चांदी 2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57.34 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी।
ग्राहकों के लिए अगले साल आ सकती है राहत भरी खबर
दिसंबर 2024 से लेकर दिसंबर 2025 तक सोने और चांदी के दाम में काफी ज्यादा तेजी आ चुकी है। इस सबके बीच ग्राहकों को एक ही चिंता है कि आखिर आने वाले दिनों में सोने और चांदी की कीमतें आखिर कहां जाकर रुकेंगी। तो आपको बता दें कि 2026 में सोने की कीमतों गिरावट भी आ सकती है डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट का कहना है कि यह यहां एक नकारात्मक पहलू भी है कि सोने की कीमतों में वर्ष 2026 में 5 से 20 प्रतिशत तक की गिरावट भी आ सकती है। ऐसा होने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को सफल होना होगा, जिसके परिणामस्वरूप अमेरिका में राजकोषीय प्रोत्साहन मजबूत बने और वृद्धि करे।
इस तरह आएगी कीमतों में गिरावट
रिपोर्ट में यह चेतावनी भी दी गई है कि इन परिस्थितियों में पुनर्मुद्रास्फीति(रिफ्लेशन) की संभावना बढ़ सकती है, जिससे गतिविधयां बढ़ेगी और वैश्विक विकास आगे बढ़ेगा। जिस तरह से मुद्रास्फीति का दबाब बढ़ेगा, फेड को 2026 में ब्याज दरों को स्थिर रखने और यहां तक की ब्याज दरें बढ़ाने पर मजबूर भी होना पड़ेगा। डब्ल्यूजीसी का कहना है कि लंबे प्रतिफल में बढ़ोतरी होगी और अमेरिकी डॉलर मजबूत होगा।
डब्ल्यूजीसी ने कहा कि बढ़ती पैदावार, मजबूत डॉलर और जोखिम आधारित रुझान सोने की कीमतों पर भारी पड़ सकता है, जिसमें निवशकों की दिलचस्पी में कमी आ सकती है। हेजेज को समाप्त होने और रिटेल मांग में नरमी के साथ यह स्थिति सोने के लिए नकारात्मक साबित हो सकती है। जिसकी वजह से सोने में मौजूदा स्तर से 5 से 20 प्रतिशत तक कीमतों में गिरावट आ सकती है।


