Mandir Darshan Rules: मंदिर से आने के बाद पैर धोने चाहिए या नहीं, जानें देव दर्शन के बाद के जरूरी नियम

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Mandir Darshan Rules: मंदिर से आने के बाद पैर धोने चाहिए या नहीं, जानें देव दर्शन के बाद के जरूरी नियम
Mandir Darshan Rules: मंदिर से आने के बाद पैर धोने चाहिए या नहीं, जानें देव दर्शन के बाद के जरूरी नियम

मंदिर की उर्जा से मन और शरीर तुरंत होता है प्रभावित
Mandir Darshan Rules, (आज समाज), नई दिल्ली: हिंदू धर्म में मंदिर सबसे पावन जगह मानी जाती है। मंदिर में लोग भगवान की पूजा-आराधना, प्रार्थना और मन की शांति के लिए जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार, मंदिर की उर्जा से मन और शरीर तुरंत प्रभावित होता है। कई बार लोग मंदिर से आने के तुरंत बाद पानी से पैर धो लेते हैं। आइए जानते हैं कि ऐसा करना सही है या नहीं। साथ ही जानते हैं देव दर्शन के बाद के जरूरी नियम।

अत्यंत पावन और सकारात्मक होता है मंदिर का वातावरण

शास्त्रों में बताया गया है कि मंदिर का वातावरण अत्यंत पावन और सकारात्मक होता है। मंदिर में प्रवेश करने के बाद वहां की दिव्य ऊर्जा, मंत्रों का कंपन और पूजा के प्रभाव में शरीर घिर जाता है। मान्यता है कि इस प्रभाव को शरीर पर कुछ समय तक अवश्य रहने देना चाहिए। इसलिए मंदिर से आने के बाद तुरंत हाथ पैर नहीं धोने चाहिए। ऐसा करना शास्त्रों में उचित नहीं माना गया है।

सकारात्मक उर्जा को महसूस करना चाहिए

कई धार्मिक ग्रंथों में मंदिर से लौटने के बाद कुछ देर शांत बैठने की बात बताई गई है। साथ ही मन में भगवान को याद करने के लिए कहा गया है। मंदिर से लौटने के बाद कुछ समय तक उस सकारात्मक उर्जा को महसूस करना चाहिए। ये उर्जा मन को शांत करती है और दिनभर के कार्यों में शुभता देती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंदिर की उर्जा से व्यक्ति की आभा मजबूत होती है।

मंदिर से लौटकर स्नान नहीं करना चाहिए

ऐसे में तुरंंत पानी छूने पर ये आभा कमजोर हो सकती है। इसी कारण मंदिर से लौटने के बाद कुछ समय तक पानी को न छूने के लिए कहा जाता है। कुछ लोग मंदिर से आकर स्नान भी कर लेते हैं। ऐसा करना भी शास्त्रों में अच्छा नहीं माना गया है। कहा जाता है कि मंदिर जाने से शरीर को जो दिव्य प्रभाव प्राप्त हुआ है वो स्नान करने से कम हो सकता है, इसीलिए मंदिर से लौटते ही स्नान नहीं करना चाहिए।

मंदिर से लौटकर करें ये काम

मंदिर से लौटकर घर आने के बाद कुछ मिनट शांत बैठना चाहिए। भगवान का नाम लेना चाहिए। मन में प्रार्थना करनी चाहिए। मंदिर की सकारात्मक ऊर्जा को अपने अंदर महसूस करना चाहिए।

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