निजि स्कूल कैब चालकों की हडताल से स्कूली बच्चे परेशान

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School children upset due to strike of private school cab drivers

ट्रैफिक पुलिस-सरकार के बीच लड़ाई में बच्चों को उठानी पड़ रही है परेशानी: अभिभावक 

आज समाज डिजिटल,नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में निजी स्कूल कैब चालकों के कारण सोमवार को करीब 4 लाख बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दरअसल, दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान से निजी स्कूल कैब चालक परेशान हैं। इसको लेकर निजी स्कूल कैब चालकों की यूनियन ने एक दिन की सांकेतिक हड़ताल बुलाई थी।
हड़ताल की वजह से प्राइवेट स्कूलों से बच्चों को लाने ले जाने का काम करने वाली कैब सड़कों पर नजर नहीं आई। इसके कारण लोग सुबह-सुबह ऑफिस की भागदौड़ के बीच बच्चों को स्कूल छोड़ने पहुंचे तो कई महिलाओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई अपने बच्चों को निजी कार, स्कूटी, बाइक, ऑटो रिक्शा से स्कूल पहुंचाते दिखे। इस दौरान कई जगहों पर ट्रैफिक जाम की समस्या भी उत्पन्न हुई। इस परेशानी के लिए अभिभावकों ने सरकार को जिम्मेदार बताया।
कई अभिभावकों ने बताया कि कैब चालक, ट्रैफिक पुलिस या सरकार इन सब के बीच की आपसी लड़ाई में परेशानी बच्चों को उठानी पड़ रही है। उनका कहना था कि इनकी जो भी मांग है, उसे सरकार सुने और दूर करने का प्रयास करना चाहिए।

सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

स्कूली कैब चालकों ने मयूर विहार में जमकर विरोध प्रदर्शन किया और केजरीवाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कैब चालकों का कहना है कि कोरोना की वजह से दो साल से स्कूल बंद थे, जिसके चलते उनका कैब सड़कों पर नहीं उतरा था। उनका काम-धंधा बंद हो गया था। रोजी-रोटी के लाले पड़ गए थे लेकिन अब जब हालात सामान्य हुए हैं, स्कूल खुल गया है और उन्हें काम मिल गया है तो कैब पर कार्रवाई की जा रही है। परिवहन विभाग की तरफ से मोटे-मोटे चालान किए जा रहे हैं। कैब चालकों का कहना है कि उन्हें कमर्शियल नंबर नहीं दिया जा रहा है और न ही कमर्शियल कैब ही मिल रही है। ऐसे में मजबूरन प्राइवेट नंबर की गाड़ियों को ही कैब की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन इसके लिए उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है।

सरकार स्कूली कैब को कमर्शियल व्हीकल में बदलने का नहीं दे रही परमिट

स्कूल कैब ट्रांसपोर्ट एकता यूनियन के अध्यक्ष रामटहल का आरोप है कि निजी कैब चालकों को स्कूल कैब में तब्दील करने के लिए सरकार ने अब तक कोई विकल्प नहीं दिया है। निजी स्कूली कैब को कमर्शियल व्हीकल में बदलने के लिए परमिट देने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा का कहना है कि निजी कैब चालकों पर लगातार हो रही कार्रवाई से मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। हड़ताल के कारण 4 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को स्कूल तक पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ा है। इसकी वजह से बच्चों के अभिभावक काफी परेशान रहते हैं।

25 हजार तक किए जा रहे स्कूल कैब ड्राइवर्स के चालान

यूनियन के नेताओं की मानें तो दिल्ली सरकार को परिवहन विभाग स्कूल कैब के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं। इस कार्रवाई के दौरान कैब को बंद करने और भारी भरकम चालान किए जा रहे हैं। परिवहन विभाग की टीम द्वारा 10 से लेकर 25 हजार तक का चालान किया जा रहा है।
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