आलोचक मित्रों के साथ व्यवहार कैसे करें? Sant Rajinder Singh Ji Maharaj

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Sant Rajinder Singh Ji Maharaj
Sant Rajinder Singh Ji Maharaj
आज समाज डिजिटल, पानीपत:
Sant Rajinder Singh Ji Maharaj: जब हम स्कूल जाते हैं तो वहाँ छात्रों के कई ग्रुप्स होते हैं और वे सभी अपनी रूचि के अनुसार आपस में जुड़ते हैं। वहाँ कई ऐसे ग्रुप्स भी होते हैं जो आपस में मिलकर किसी की आलोचना करने या किसी के जीवन में मुश्किलें पैदा करने पर भी ध्यान देते हैं। एक छात्र के रूप में हमें पढ़ाई के अलावा यह भी जानना चाहिए कि हम सब उस परमात्मा की संतान हैं। हममें से प्रत्येक में बुराइयों से ज्यादा अच्छाइयां हैं, इसलिए हमें सिर्फ अच्छे पक्ष पर ही ध्यान देना है। अगर हम यह समझ जाएं कि ज्यादातर लोगों में अच्छाइयां हैं और उसी तरह ध्यान दें तो हम पाएंगे कि हमारा व्यवहार लोगों कें साथ बेहतर होता चला जाएगा। Sant Rajinder Singh Ji Maharaj

हमें केवल अच्छाइयों की तरफ ध्यान देना चाहिए

यदि हमारे ग्रुप में ऐसे लोग हैं जो दूसरों की आलोचना करते हैं तो हमें उस ग्रुप का हिस्सा नहीं बनना है। यदि हम ऐसा करेंगे तो हम किसी भी कक्षा के सकारात्मक सोच वाले कई बच्चे हमसे मित्रता करना चाहेंगे। जब हम ऐसे बच्चों के साथ समय व्यतीत करते हैं तो हम उनके गलत पहलुओं पर ध्यान देने की बजाय उनकी अच्छाईयों पर ध्यान देते हैं। इंसान होने के नाते हमें यह जानने की आवश्यकता है कि हम जिससे भी मिलें, हमें केवल उनकी अच्छाइयों की तरफ ध्यान देना चाहिए। ऐसा करने पर हम पाएंगे कि हमारी ज़िंदगी शांति से भरी होगी। अक्सर हमारे पड़ोस में कुछ ऐसे लोग होते हैं जो दूसरों को परेशान करते हैं। Sant Rajinder Singh Ji Maharaj हमें उनके साथ नम्रता से और एक शांत व्यक्ति के रूप में पेश होना चाहिए क्योंकि टकराव करने से समाधान नहीं निकलता है। समाधान सिर्फ एक अच्छा इंसान बनने में है। फिर समय के साथ उस व्यक्ति पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।

लड़ाई-झगड़े करने की बजाय सबके साथ प्रेम का व्यवहार करें

हमें उस स्थिति में रहने की ज़रूरत है, जहाँ हम अपने उसूलों पर कायम रह सकें जिनमें से एक है, ‘अहिंसा’। हिंसक वातावरण में भी हमें अहिंसावादी बने रहना है। हमें कभी किसी दूसरे व्यक्ति के हिंसक व्यवहार  नहीं रखना चाहिए। अगर हमारे साथ हिंसा हो रही हो तो हमें उस स्थान से दूर हो जाना चाहिए। Sant Rajinder Singh Ji Maharaj जब हम खुद शांत होंगे तो समय के साथ हम उस हिंसक स्थिति से भी उभर सकते हैं। अगर हम शांत रहेंगे और अपने उसूलों पर कायर रहेंगे तो हम बिल्कुल ठीक रहेंगे। इसलिए हमें चाहिए कि हम लड़ाई-झगड़े करने की बजाय सबके साथ प्रेम का व्यवहार करें। ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें किसी ने उनके साथ हिंसक व्यवहार किया हो किंतु बदले में उन्होंने प्रेम से व्यवहार किया। समय के साथ दूसरे इंसान को भी यह अहसास हो जाता है कि वे जो कर रहे थे, वह गलत था तथा उनमें भी बदलाव आ जाता है। Sant Rajinder Singh Ji Mahara

अपने सिद्धांतों पर कायम रहेंगे तो खुश रहेंगे

यह उम्मीद करना कि दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति अच्छा ही होगा, संभव ही नहीं है क्योंकि यहाँ इस दुनिया में हर तरह के लोग हैं। कुछ लोग हमें परेशान करते हैं, चाहे वे हमारे स्कूल में, पड़ोस में या हमारे काम करने के स्थान पर हों लेकिन जब हम खुद को शांत रखेंगे और अपने सिद्धांतों पर कायम रहेंगे तो हम देखेंगे कि समय के साथ हम परेशान होने की बजाय खुश रहेंगे। जिसका प्रभाव आस-पास के वातावरण पर भी पड़ेगा तो फिर हमें दूसरों से व्यवहार करने में उतनी तकलीफ नहीं होगी जितनी कि पहले होती थी। यदि हम अपने मिलने वालों से प्रेमपूर्वक व्यवहार करेंगे तो हम अपने चारों ओर एक ऐसा शांतिमय माहौल पाएंगे। Sant Rajinder Singh Ji Maharaj
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