बिहार के छोरे समर्पण वर्मा का कमाल: मिला ऑल इंडिया 125वां रेंक

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Samarpan Verma's amazing got All India 125th rank
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प्रवीण वालिया, करनाल:
आईआईटी मुम्बई द्वारा आयोजित जेइइ-एडवांस 2022 का परिणाम घोषित किया गया। जेनिसिस क्लासिस का रिजल्ट हर बार की तरह इस बार भी बेतहर रहा। नीट के रिजल्ट के बाद जेइइ-एडवांस के परिणाम में भी जेनिसिस का शानदार प्रदर्शन रहा। समर्पण वर्मा ने ऑल इंडिया 125 ओबीसी रेंक और सीआरएल रेंक 912, प्रभात कुमार ऑल इंडिया ओबीसी रेंक 147 के साथ सीआरएल रेंक 1064 रही।

25 विद्यार्थियों ने जेइइ-एडवांस की परीक्षा में मारी बाजी

जेइइ-एडवांस में जेनिसिस के 19 बच्चों ने क्वालिफाई किया। जिसमें समर्पन वर्मा की सर्वश्रेष्ठ ऑल इंडिया रेंक 125 रही। जानकारी देते हुए जेनिसिस क्लासिस के निदेशक जितेंद्र अहलावत तथा नवनीत सिंह ने कहा की जेनिसिस क्लासिस ने 12 साल पहले अपनी यात्रा शुरू की थी। हम सभी सफल विद्यार्थियों को ढेरों हार्दिक शुभकामनाएं देते है और सभी सफल विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते है।

कंप्यूटर इंजीनियर बनना चाहता है समर्पण

Samarpan Verma's amazing got All India 125th rank
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समर्पन वर्मा की ऑल इंडिया रैंक 125 रही। उसने बताया कि वह पिछले 3 सालों से जेनिसिस क्लासिस का क्लासरूम स्टूडेंट है। वह कम्प्यूटर इंजीनियर बनना चाहता है। सभी लोग कोटा की ओर भागते हैं। मगर मुझे जेनिसिस के बारे में रिश्तेदारो से पता लगा। मै मूल रूप बिहार का रहने वाला हूं। जब मैं जेनिसिस में पढऩे आया तो यहां मुझे घर जैसा माहौल मिला। कभी भी किसी चीज की परेशानी नहीं हुई। हर समय सभी अध्यापकों का मोटिवेशन मिला। कम नंबर आने पर यहां के अध्यापकों ने कभी भी डिप्रेशन में नहीं जाने दिया। जेनिसिस में आना मेरे लिए सही साबित हुआ। जेनिसिस में हर अभिभावक के सपने साकार करने के लिए हर संसाधन है। बेस्ट व एक्सपीरियंस्ड फैकल्टीज के साथ डाउट काउंटर्स, वीकली व मंथली टेस्ट, मॉक टेस्ट, अनुशासित माहौल, ये सब मिलकर जेनिसिस को बेस्ट बनाता हैं। जेइइ-एडवांस की तैयारी के दौरान कंसेप्ट्स को गहराई से समझने के लिए हमारा ग्रूप टीर्चस से ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछते थे। कभी टेस्ट में माक्र्स कम आते थे तो जितेंद्र सर और पेरेन्ट्स मोटिवेट करते थे। उन्होनें कभी माक्र्स के लिए दबाव नहीं डाला और पॉजिटिविटी के साथ तैयारी करते रहने के लिए मोटिवेट किया। रोजाना 7-8 घंटे सेल्फ स्टडी करता था। जेइइ-एडवांस स्टूडेंट्स अंतिम समय में नहीं, बल्कि पहले दिन से ही लक्ष्य की तैयारी करें। जैसे-जैसे कोर्स आगे बढ़ता है तो आपको पिछला पढ़ा हुआ भी बार-बार रिवीजन .करना होगा। टॉपिकवाइज छोटे-छोटे नोट्स बना सकते हैं। यह मेरा दूसरा प्रयास था। जेइइ-मेंस में मैने 99.89 परसेंटाइल प्राप्त की थी।

बिहार से आकर करनाल में सफलता प्राप्त की प्रभात ने

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प्रभात कुमार ने बताया वह भी मूल रूप से मिर्जापुर बिहार का निवासी है। वह भी जेनिसस में इंजीनियर बनने के सपने को लेकर आया था। उसकी कड़ी मेहनत और सभी अध्यापकों के कठिन प्रयासो से आज वह दिन आ ही गया। जिस दिन प्रभात कुमार का सपना पूरा हुआ। वह अपने परिवार की दूसरा इंजीनियर बनेगा। उसका बड़ा भाई भी इंजीनियर ही था। उसको देखकर ही उसे इंजीनियर बनने की प्रेरणा मिली। उसने दिन-रात एक करके इस मुकाम को हासिल किया। उसने बताया कि मेरी सफलता का पूरा श्रेय जितेंद्र सर और जेनिसिस की पूरी परिश्रमी टीम को जाता है। जेइइ-मेंस में मैने 99.85 परसेंटाइल प्राप्त की थी।

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