परिणय सूत्र में बंधेंगे भगवंत मान, डा. गुरप्रीत होंगी दुल्हन, पहली थी त्याग-बलिदान की कहानी

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Bhagwant Mann of Second Marriage
Bhagwant Mann of Second Marriage

आज समाज डिजिटल, Punjab News:
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान 7 जुलाई को परिणय सूत्र में बंधने जा रहे हैं। यह उनकी दूसरी शादी होगी। भगवंत मान का 6 साल पहले तलाक हो गया था। उनकी पहली पत्नी और बच्चे अमेरिका में रहते हैं। उनकी ये शादी डॉक्टर गुरप्रीत कौर से होगी।

मां और बहन ने चुनी है बहू

सीएम भगवंत मान के लिए लड़की उनकी मां और बहन ने चुनी है। इस शादी में सिर्फ परिवार के लोग ही शामिल होंगे। हालांकि नए जोड़े को आशीर्वाद देने के लिए खुद अरविंद केजरीवाल कार्यक्रम में शामिल होंगे। पंजाब के सीएम के रूप में भगवंत मान के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए उनके दोनों बच्चे पंजाब आए थे। भगवंत मान की मां की इच्छा थी कि पंजाब के मुख्यमंत्री एक बार फिर से अपना घर बसाएं।

पहली पत्नी को दे दी संपत्ति, की तारीफ

मंगलवार को पंजाब के सुनहरा पंजाब कार्यक्रम में पहुंचे सीएम भगवंत मान ने बताया कि उनका पहली पत्नी से तलाक हो चुका है। उन्होंने पूर्व पत्नी की तारीफ करते हुए बताया कि वो एक अच्छी मां हैं, जिसने उनके बच्चों की बेहतरीन परवरिश की। साथ ही ये भी कहा कि जब उनका तलाक हुआ तो उन्होंने अपनी सारी संपत्ति पहली पत्नी के नाम कर दी है।

भगवंत मान की पहली शादी और बच्चे

बता दें कि भगवंत मान की पहली शादी इंदरप्रीत कौर के साथ हुई थी, लेकिन 2015 में दोनों की सहमति से तलाक अलग होने का फैसला किया था। मिली सूचना के अनुसार तलाक के बाद इंदरप्रीत कौर दोनों बच्चों के साथ अमेरिका चली गईं। भगवंत मान के बेटे का नाम दिलशान है और बेटी का नाम सीरत है। पहली पत्नी से तलाक होने के बाद भगवंत ने फेसबुक पर लिखा था कि मुझे अपने दो परिवारों में से किसी एक को चुनना था और मैंने पंजाब को चुना।

ये है भगवंत मान का राजनीतिक सफर

भगवंत मान के राजनीतिक सफर की बात करें तो शुरूआती दिनों में भगवंत मान ने पंजाब पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया की राजनीति की। इसी पार्टी से उन्होंने चुनाव भी लड़ा, लेकिन हार मिली। आगे चलकर भगवंत मान आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए और 2014 में संगरूर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर संसद पहुंचे। साल 2017 में भगवंत मान ने जलालाबाद से सुखबीर बादल और रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन 18,500 वोटों से हार गए, लेकिन 2019 के चुनाव में एक बार फिर से संगरूर लोकसभा सीट से संसद के लिए चुने गए।

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