Punjab Breaking News : बैकफुट पर आई पंजाब सरकार ने लैंड पूंलिग पॉलिसी ली वापस

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Punjab Breaking News : बैकफुट पर आई पंजाब सरकार ने लैंड पूंलिग पॉलिसी ली वापस
Punjab Breaking News : बैकफुट पर आई पंजाब सरकार ने लैंड पूंलिग पॉलिसी ली वापस

तीन माह गुणगान करने के बाद, किसान संगठनों और विपक्षी दलों के विरोध में सरकार को लेना पड़ा फैसला

Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़ : तीन महीने तक किसानों के भविष्य के लिए लाभकारी और क्रांतिकारी परिवर्तन बताने के बाद आखिरकार पंजाब सरकार को लैंड पूलिंग पॉलिसी को वापस लेना ही पड़ा। ज्ञात रहे कि 14 मई 2025 को पंजाब सरकार इस नीति को व्यवहार में लेकर आई थी।

एक तरफ जहां सरकार के नुमाइंदे और मंत्री इस नीति को प्रदेश के किसानों के उज्जवल भविष्य के लिए क्रांतिकारी कदम बता रहे थे। वहीं किसान संगठन और विपक्षी दल शुरू से इस नीति का विरोध कर रहे थे। जिसके बाद पंजाब सरकार ने विवादों में घिरी लैंड पूलिंग पॉलिसी वापस ले ली है। इस संबंध में पंजाब सरकार के हाउसिंग और अर्बन डेवलपमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने लेटर जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि 14 मई 2025 को लाई गई पंजाब लैंड पॉलिसी और इससे जुड़े अमेंडमेंट्स को विड्रॉ किया जा रहा है।

हाईकोर्ट ने दी थी पंजाब सरकार को चेतावनी

इस पॉलिसी के तहत जारी लेटर आॅफ इंटेंट रजिस्ट्रेशन और किसी तरह के अन्य कार्य वापस लिए जाते हैं। इस मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भी पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि वह पॉलिसी वापस लें वर्ना कोर्ट उसे रद्द कर देगी।हालांकि पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पॉलिसी किसानों को पसंद नहीं आई। इसी कारण पॉलिसी हमने वापस ले ली है। बता दें कि पंजाब के किसान लगातार इस पॉलिसी का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि इस पॉलिसी के जरिए सरकार उनकी जमीन को हड़पना चाहती थी।

सीएम ने खुद लोगों से फीडबैक लिया

सीएम भगवंत मान 2 दिनों से अपने विधानसभा हलके के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने खुद लोगों से पॉलिसी को लेकर फीडबैक लिया था। इसके बाद इस दिशा में यह कदम उठाया है। क्योंकि कुछ समय पहले सीएम के हलके में भी इसका विरोध हुआ था। जगह-जगह आम आदमी पार्टी के नेताओं की एंट्री रोकी जा रही थी। बता दें कि पंजाब में लैंड पूलिंग पॉलिसी सबसे पहले 2011 में अकाली सरकार के कार्यकाल में लागू हुई थी। इसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार और फिर मौजूदा मान सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए इसे आगे बढ़ाया। जून 2025 में पंजाब कैबिनेट ने इस पॉलिसी के नए संस्करण को मंजूरी दी।

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