श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ़ में बाल दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित

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Programs organized on Children's Day at Shri Krishna School Mahendragarh
Programs organized on Children's Day at Shri Krishna School Mahendragarh

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ :
श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ़ में सोमवार को बाल दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिसमें हरियाणवी डांस, राजस्थानी डांस, पंजाबी डांस, समुह डांस, भाषण, कविता सहित अनेकों कार्यक्रम करवाए गए। जिसमें कक्षा दूसरी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि स्कूल के एमडी कर्मवीर राव उपस्थित रहे जबकि अध्यक्षता स्कूल प्राचार्य वीरेंद्र सिंह ने की। इस बारे में जानकारी देते मिडल हेड सुरेंद्र कुमार ने बताया कि श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ़ में बाल दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि कॉल फॉर डांस समूह डांस, एवर ग्रीन बलिया में सन्ना, डोला रे डोला रे अदिति, नगाडे संग ढोल बाजे पायल और खुशी, राजस्थानी सांग लहरीया सा, कट्टे चक दी में शुभी, हरियाणा बदल गया आरूषी, ले जा ले जा रे अंशिका और विधि, बिजली-बिजली इशिका, लहंगा जसमीन आदि विद्यार्थियों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी।

विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार होना भी जरूरी – कर्मवीर राव

इस मौके पर स्कूल के एम.डी. कर्मवीर राव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी सुनहरे भारत का भविष्य है। विद्यार्थियों को इन महापुरुषों के जीवन से सीख लेनी चाहिए। हमें उनकी प्रतिभाओं को संवार कर अपने अदम्य साहस को परिभाषित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार होना भी जरूरी है। संस्कार विहीन शिक्षा प्रणाली किसी भी देश के युवाओं को तबाह कर सकती है। विद्यार्थी जीवन काल पर मनुष्य का सम्पूर्ण भविष्य निर्भर करता है। इस काल का सदुपयोग करने वाले विद्यार्थी अपने भविष्य काल को सुखमय बना सकते है। उन्होंने कहा कि इस समय को व्यर्थ में ही नष्ट करने से विद्यार्थी भविष्य को अंधकारमय बना लेते है। विद्यार्थी जीवन काल ऐसा समय है जिसमें किसी भी मनुष्य के चरित्र की नींव पड जाती है।

बाल दिवस 14 नवंबर को पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर मनाया जाता है

इस अवसर पर स्कूल के प्राचार्य वीरेन्द्र सिंह ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि बाल दिवस 14 नवंबर को पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन को लेकर मनाया जाता है और नेहरू जी बच्चों से बहुत प्यार करते थे तथा बच्चे प्यार से चाचा नेहरू के नाम से पुकारते थे तो उन्ही की याद में यह दिन बाल दिवस रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि चाचा नेहरू हमारे देश भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने कहा कि कि बच्चे मन के सच्चे होते है और वे भगवान का रूप होते है तथा देश का भविष्य है। आने वाला समय भी इन्हीं के कधों पर टिका है। इस मौके पर स्कूल का समस्त स्टाफ उपस्थित था।

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