प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा अभियान का हजारों गर्भवती महिलाओं ने उठाया लाभ : डॉ. ब्रह्मदीप

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Prime Minister's Motherhood Protection Campaign

पीएमएसएमए अभियान के दौरान 1168 मरीज किए गए चेक

आज समाज डिजिटल,पलवल:
सिविल सर्जन डॉ. ब्रह्मदीप ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके तहत प्रत्येक माह की निश्चित 09 तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित किया गया है । सिविल सर्जन ने बताया कि आज पीएमएसएमए अभियान के दौरान 1168 मरीज चेक किए गए। यह अभियान नागरिक अस्पताल पलवल, सीएचसी हथीन, पीएचसी मंडकोला, पीएचसी नांगल जाट, पीएचसी उटावड़, एसडीएच होडल, पीएचसी हसनपुर, पीएचसी टप्पा, पीएचसी अलावलपुर, पीएचसी अमरपुर, पीएचसी रसूलपुर, पीएचसी अलिका, पीएचसी सिहोल, अर्बन पीएससी-1 , अर्बन पीएचसी 2, सीएचसी औरंगाबाद, सीएचसी दुधोला, पीएससी भूलवाना, पीएचसी सोलडा, पीएचसी दीघोट, सीएचसी सौंध आदि पर कुल 1776 ओपीडी देखी गई। कार्यक्रम में सिविल सर्जन ने निजी हस्पताल की डॉ मिथलेश बंसल का सहयोग करने के लिए धन्यवाद किया व जिलावासियों को इस प्रोग्राम में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उनकी गर्भावस्था के 4 महीने बाद से उनके सभी टेस्ट निशुल्क किए जाते हैं तथा जांचों के आधार पर हाई रिस्क केस निकाले जाते हैं, जो भी हाई रिस्क पाया जाता है, उनका समय रहते उपचार किया जाता है, ताकि डिलीवरी के समय उन्हें अतिरिक्त कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। इस कार्यक्रम की प्रमुख विशेषता यह हैं, कि प्रसव पूर्व जांच सेवाएं ओबीजीवाई विशेषज्ञों/चिकित्सा अधिकारियों द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी। निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों/चिकित्सकों को हर महीने की 09 तारीख को जिले में सरकारी चिकित्सकों के प्रयासों के साथ स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैं। कार्यक्रम की शुरुआत इस आधार पर की गई है, कि यदि भारत में हर गर्भवती महिला की चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षण एवं पीएमएसएमए के दौरान उचित तरीकें से कम से कम एक बार जांच की। इस अभियान का उचित पालन किया जाए, तो यह अभियान हमारे देश में होने वाली मातृ मृत्यु की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभा सकता हैं।

यह हैं पीएमएसएमए के उद्देश्य

कोई भी नैदानिक स्थितियां जैसे कि रक्ताल्पता, गर्भावस्था प्रेरित उच्च रक्तचाप, गर्भावधि मधुमेह आदि का उचित प्रबंधन, उचित परामर्श सेवाएं एवं सेवाओं का उचित प्रलेखन रखना, कुपोषण से पीडि़त महिलाओं में रोग का जल्दी पता लगाने, पर्याप्त और उचित प्रबंधन पर विशेष जोर देना, किशोर और जल्दी गर्भधारण पर विशेष ध्यान देना आदि शामिल हैं, क्योंकि इन गर्भधारणों में अतिरिक्त एवं विशेष देखभाल की ज़रूरत होती है।

पीएमएसएमए की मुख्य विशेषताएं

सिविल सर्जन डॉ. ब्रह्मदीप ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) देश में तीन करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है। इन सेवाओं को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में निर्धारित सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध कराया जाएगा। जबकि इसका लक्ष्य सभी गर्भवती महिलाओं तक पहुंचना है। वे महिलाएं जिन्होंने एएनसी के लिए पंजीकरण नहीं किया है, तथा जिन्होंने पंजीकरण करवाया है, लेकिन एएनसी सेवाओं का लाभ नहीं उठाया है, एवं उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं तक पहुंचना इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य है।

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