World Food India 2025 : पीएम कल करेंगे वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 का उद्घाटन

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World Food India 2025 : पीएम कल करेंगे वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 का उद्घाटन
World Food India 2025 : पीएम कल करेंगे वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 का उद्घाटन

इवेंट का मकसद घरेलू फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में निवेश बढ़ाना और भारत को वैश्विक स्तर पर फूड इनोवेशन हब के रूप में स्थापित करना

World Food India 2025 (आज समाज), बिजनेस डेस्क : राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में कल एक बढ़े और अहम इवेंट का आयोजन होने जा रहा है। जिसमें रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री पत्रिशेव विशेष रूप से शामिल होंगे। इस इवेंट में देश व विदेश से सैकड़ों कंपनियों के प्रतिनिधि जुड़ेंगे और कई अहम समझौते होने की भी उम्मीद है। दरअसल यह है वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 का आयोजन।

इसका उद्घाटन स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस आयोजन का उद्देश्य घरेलू फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में निवेश बढ़ाना और भारत को वैश्विक स्तर पर फूड इनोवेशन हब के रूप में स्थापित करना है। यह मेगा इवेंट राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित होगा, जिसमें केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान और राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी भाग लेंगे।

भारत को विश्व में फूड इनोवेशन को केंद्र बनाना है मकसद

चिराग पासवान ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, ह्लवर्ल्ड फूड इंडिया सिर्फ एक ट्रेड शो नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच है जो भारत को फूड इनोवेशन, निवेश और सतत विकास का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

खरीफ दलहनों और तिलहनों की खरीद को मिली मंजूरी

केंद्र ने उत्तर प्रदेश और गुजरात में प्रमुख खरीफ दलहनों और तिलहनों की खरीद को मंजूरी दी है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि बैठक में केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में लगभग 2.27 लाख टन उड़द (काला चना), 1.13 लाख टन अरहर, 1,983 टन मूंग (हरा चना), 30,410 टन तिल और 99,438 टन मूंगफली की खरीद करने पर सहमति व्यक्त की।

गुजरात में केंद्र ने 47,780 टन उड़द, 4,415 टन मूंग, 1.09 लाख टन सोयाबीन और 12.62 लाख टन मूंगफली खरीदने पर सहमति जताई। मंत्री ने खरीद में पारदर्शिता और अनियमितताओं की रोकथाम पर भी जोर दिया। खरीद एजेंसियों नैफेड और एनसीसीएफ को किसानों का पूर्व-पंजीकरण शुरू करने का निर्देश दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल पंजीकृत किसान ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उपज बेचें। ई-समृद्धि और ई-संयुक्ति पोर्टल पर खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी, जिससे बैंक खातों में सीधे भुगतान संभव होगा।

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