- डिजिटल इंडिया पहल ने प्रौद्योगिकी को सशक्तिकरण के उपकरण में बदला
PM Modi On Technology, (आज समाज), नई दिल्ली: केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार को 11 वर्ष पूरे हो चुके हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल को इसी 9 जून को एक वर्ष पूरा हुआ है और पीएम मोदी व एनडीए से जुड़े अन्य नेता सरकार की उपलब्ध्यिों को देश की जनता के सामने रख रहे हैं। इसी कड़ी पीएम मोदी ने आज प्रौद्योगिकी में कितनी शक्ति है, उसका जिक्र किया।
युवाओं की मदद से हम कर रहे उल्लेखनीय प्रगति
प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर कहा कि उनकी सरकार ने अपने 11 वर्षों के कार्यकाल में प्रौद्योगिकी की ताकत का फायदा लेकर देश की जनता को अनगिनत लाभ पहुंचाए हैं। उन्होंने कहा, भारत के युवाओं की मदद से हम नवाचार और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग में उल्लेखनीय प्रगति कर रहे हैं। यह आत्मनिर्भर और वैश्विक तकनीकी महाशक्ति बनने के हमारे प्रयासों को भी मजबूत कर रहा है।
डीबीटी से बड़े पैमाने पर पारदर्शिता सुनिश्चित हुई
पीएम ने कहा कि प्रौद्योगिकी के उपयोग ने सेवा वितरण व पारदर्शिता को काफी बढ़ावा दिया है। इसके अलावा, प्रौद्योगिकी सबसे गरीब लोगों के जीवन को सशक्त बनाने का एक साधन बन गई है। सरकारी हैंडल से एक श्रृंखला पोस्ट की गई जिसे मोदी ने रेखांकित किया। इसमें कहा गया कि भारत ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से बड़े पैमाने पर पारदर्शिता सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि 56 मंत्रालयों द्वारा विनियमित 322 से अधिक योजनाओं के लाभार्थियों के खातों में 44 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा की गई। इसके अलावा लीकेज को कम करके 3.48 लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत की गई।
क्रांतिकारी से कम नहीं तकनीकी यात्रा
एक अन्य सूत्र ने कहा, डिजिटल रेगिस्तान से डेटा-संचालित लोकतंत्र तक- बीते 11 वर्षों में भारत की तकनीकी यात्रा क्रांतिकारी से कम नहीं है। पीएम मोदी के नेतृत्व में, भारत डिजिटल नवाचार, तकनीक-संचालित शासन और वैश्विक विश्वास का केंद्र बन गया है। विनिर्माण से लेकर अंतरिक्ष तकनीक तक, डिजिटल भुगतान से लेकर ग्रामीण कनेक्टिविटी तक – परिवर्तन स्पष्ट, प्रभावशाली और स्थायी है। लेकिन यह केवल उपकरणों और प्लेटफॉर्म के बारे में नहीं है। यह निर्बाध शासन, नागरिक सशक्तिकरण और तकनीक-प्रथम विकसित भारत के निर्माण के बारे में है।
यूपीआई भारत की ‘वित्तीय धड़कन’ बनने की राह पर
श्रंखला में यूपीआई के भारत की ‘वित्तीय धड़कन’ बनने की ओर अग्रसर होने का भी उल्लेख किया गया है। इसमें यह भी बताया गया है कि कि देश दुनिया का सबसे सस्ता मोबाइल डेटा प्रदाता भी है, जो डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देता है। 94 करोड़ से ज्यादा ब्रॉडबैंड कनेक्शन और 120 करोड़ टेलीफोन सब्सक्राइबर के साथ, टेली-घनत्व 2014 में 75 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 85 प्रतिशत हो गया है।
393 विदेशी उपग्रहों को लॉन्च करने की अविश्वसनीय उपलब्धि
थ्रेड की श्रंखला में कहा गया कि इसरो द्वारा 393 विदेशी उपग्रहों को लॉन्च करने की अविश्वसनीय उपलब्धि हमारी क्षमता को दर्शाती है। एक पोस्ट में कहा गया, 11 साल पहले, एक मूक डिजिटल क्रांति शुरू हुई – जिसने भारत के जुड़ने, शासन करने और बढ़ने के तरीके को नया आकार दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, डिजिटल इंडिया पहल ने प्रौद्योगिकी को सशक्तिकरण के एक उपकरण में बदल दिया है। प्रौद्योगिकी की बदौलत अंतराल को पाटना, अवसरों को खोलना और प्रत्येक नागरिक के लिए शासन को अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाना संभव हुआ है।
तकनीकी पहलों से प्रत्येक रुपया लक्षित लाभार्थी तक पहुंच रहा
श्रंखला में कहा गया, दूरदराज के गांवों में इंटरनेट की पहुंच से लेकर दुनिया में अग्रणी वास्तविक समय के डिजिटल भुगतान तक, यह परिवर्तन केवल संख्याओं के बारे में नहीं है – यह लोगों, प्रगति और संभावना के बारे में है। तकनीकी पहलों ने सुनिश्चित किया कि प्रत्येक रुपया लक्षित लाभार्थी तक पहुंचे। डीबीटी ने 10 वर्षों में 90 गुना वृद्धि देखी, जिससे गति और पारदर्शिता के साथ कल्याण वितरण में बदलाव आया।
श्रंखला में सरकारी खरीद के लिए डिजिटल मार्केटप्लेस, पासपोर्ट वितरण सेवा, कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के लिए कोविन प्लेटफॉर्म की शुरुआत और नागरिकों को लाभ व सेवाएं प्रदान करने में तकनीक द्वारा संचालित अन्य उपायों के अलावा स्वास्थ्य बीमा के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन पर प्रकाश डाला गया।
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