पशुओं को जिला में लाने व बाहर ले जाने पर तुरन्त प्रभाव से रोक : उपायुक्त

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  • पशुओं में फैले लंपी स्किन रोग को लेकर उठाया गया कदम
  • पशुओं का टीकाकरण कार्य युद्ध स्तर पर जारी 
  • घरों में दूध को उबाल कर ही करें प्रयोग 
आज समाज डिजिटल, Panipat News :
पानीपत। पशुओं में लंपी स्किन डिजीज को लेकर जिला प्रशासन बेहद सतर्क है। इस रोग के संक्रमण को देखते हुए जिला में पशुओं को लाने और जिला से बाहर ले जाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए जिले में पशुओं के टीकाकरण को युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिए गए हैं। यह जानकारी उपायुक्त सुशील सारवान ने आज यहां लघु सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी।

पशुपालक सावधानी बरतें

उपायुक्त सुशील सारवान ने बताया कि चूंकि यह बीमारी पशुओं में बहुत तेजी से फैलती है। उन्होंने बताया कि अभी तक जिले में लैंपी स्किन डिजीज का कोई केस नहीं है। फिर भी सावधानी बरती जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 74480 पशु पंजीकृत हैं। लंपी स्किन डिजीज पशुओं में न फैले, इसके लिए पशुपालक सावधानी बरतें। उपायुक्त ने बताया कि जिलेभर में इस रोग को रोकथाम के लिए सघन टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। जल्द ही जिलेभर में टीकाकरण अभियान पूर्ण कर लिया जाएगा।

गौशाला का दौरा कर सावधानी बरतने के निर्देश

उपायुक्त ने लंपी संक्रमण के दृष्टिगत शनिवार को गोहाना रोड स्थित गौशाला का दौरा भी किया। उन्होंने गौशाला संचालकों से आग्रह किया है कि इस रोग के संक्रमण से बचाव के लिए सावधानी बरतें।

दूध को उबालकर ही करें इस्तेमाल : डीसी

उपायुक्त ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए जिलावासियों से अपील की कि सभी दूध को उबालकर ही इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि यदि दूध में किसी प्रकार का कोई कीटाणु होगा तो दूध को उबालने से वह नष्ट हो जाएगा।

दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी

जिलाधीश सुशील सारवान ने पानीपत जिला में तुरंत प्रभाव से दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी किए हैं आदेशानुसार समस्त जिला में पशु मेला लगाने, पशुओं को दूसरे जिलों में व दूसरे राज्यों से लाने तथा ले जाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि जिले की सीमा पर पशुओं के आवागमन को तुरंत प्रभाव से रोका जाए। यह आदेश लंपी स्किन नामक संक्रामक बीमारी पशुओं में तीव्रता से फैलने को लेकर किए गए हैं जो कि एक पोक्स परिवार से संबंधित वायरस के कारण फैली है।
दूसरे पशुओं में मक्खी मच्छर के संक्रमण के कारण से तेजी से फैल रही है
इसकी वजह से पशुओं में बुखार, दुग्ध उत्पादन में कमी व त्वचा में गांठ, नाक व आंख से पानी का आना आदि समस्याएं उत्पन्न हो रही है। यह बीमारी एक पशु से दूसरे पशुओं में मक्खी मच्छर के संक्रमण के कारण से तेजी से फैल रही है, जिससे पशुओं की जान–माल की समस्या उत्पन्न हो रही है। उक्त आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंड का भागीदार होगा।
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