तिरंगे के साथ लिया प्राकृतिक खेती करने का संकल्प

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Panipat News/Pledge to do natural farming with tricolor
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  • कृषि विभागवके सौजन्य से कृषि विज्ञान केंद्र में एक दिवसीय कार्यक्रम
  • जहरीली खेती छोड़, प्राकृतिक खेती अपनाएं किसानः डॉ. वजीर
आज समाज डिजिटल, Panipat News :
पानीपत। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत जहां पूरा वातावरण तिरंगामय हो रहा है, वहीं कृषि विज्ञान केंद्र उझा के प्रांगण में बुधवार को कृषि विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में क्षेत्र के सरपंचों व प्रधानों सहित अग्रणी किसानों ने तिरंगा झंडा हाथ में लेकर प्राकृतिक खेती की ओर लौटने का संकल्प लिया। बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से क्षेत्र के सरपंचों व प्रधानों के लिए एक दिवसीय प्राकृतिक खेती कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

हमारे किसान अनाज की गुणवत्ता की तरफ भी ध्यान दें

यहां पहुंचे किसानों को संबोधित करते हुए उप निदेशक डॉ. वजीर सिंह ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या का पेट पालने के लिए बेशक हरित क्रांति में किसानों ने रिकॉर्ड तोड़ अनाज पैदा किया, लेकिन इस अनाज को पैदा करने में बेहताशा मात्रा में जहरीले कीटनाशकों को उर्वरकों का करके न केवल धरती मां की सेहत बिगाड़ी, बल्कि मनुष्य और धरती पर रहने वाले अन्य सभी प्रकार के जीव-जंतुओं पर भी उसके दुष्प्रभाव विभिन्न बीमारियों के रूप में सामने आ रहे हैं। इसलिए अब समय आ गया है कि हमारे किसान अनाज की गुणवत्ता की तरफ भी ध्यान दें और अनाज की वास्तविक गुणवत्ता फिर से प्राकृतिक खेती की ओर लौटने में ही है।

 

Panipat News/Pledge to do natural farming with tricolor
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अनाज की गुणवत्ता को लेकर जागरूकता बढ़ रही है

उन्होंने कहा कि आज लोगों में भी अनाज की गुणवत्ता को लेकर जागरूकता बढ़ रही है और वे कीटनाशकों से तैयार होेने वाले अनाज को खाने से बच रहे हैं। इसलिए किसानों को भी अपनी खेती का ढांचा बदलना होगा। कुछ किसान इस मामले में जागरूक भी हो रहे हैं और वे प्राकृतिक खादों का प्रयोग करके बिना जहरवाली खेती कर रहे हैं। इसमें बेशक उत्पादन कम होगा, लेकिन गुणवत्तापरक अनाज की कीमत उसे काफी अच्छी मिलेगी। ऐसा करके किसान न केवल अपने खेत को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि मानव जाति पर भी बहुत बड़ा उपकार कर सकते हैं।

प्राकृतिक खेती से होने वाले लाभों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी

कृषि विज्ञान केंद्र उझा के वरिष्ठ संयोजक वैज्ञानिक डॉ. राजबीर सिंह ने किसानों को प्राकृतिक खेती से होने वाले लाभों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी और किसानों का आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक व किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए जागरूक करें। क्योंकि आने वाले समय में प्राकृतिक तरीके से तैयार होने वाले अनाज की ही डिमांड होगी। इस अवसर पर उपमंडल कृषि अधिकारी अनिल कुमार, बीएओ सतीश, एडीओ नरेन्द्र दहिया, बीटीएम जगपाल, एटीएम प्रवीन कुमार आदि मौजूद रहे।

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