कहा, अवसरवादी नेताओं को पंजाब के लोग कभी नहीं माफ करेंगे
Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब सरकार द्वारा बुलाया गया विधानसभा का सत्र शुक्रवार हो हंगामेदार रहा। सत्र में पूरा दिन सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। विपक्षी विधायकों ने जहां बाढ़ से निपटने के लिए प्रदेश सरकार को पूरी तरह से विफल बताया तो वहीं सत्तापक्ष ने विपक्ष पर प्राकृतिक आपदा के दौरान भी राजनीति करने का आरोप लगाया।
इस दौरान सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के लोग संकट की घड़ी में राज्य के साथ धोखा करने वाले असंवेदनशील और अवसरवादी नेताओं को कभी माफ नहीं करेंगे। पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान बाढ़ पर बहस को समेटते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि बाढ़ के संकट के समय एकजुटता दिखाने के बजाय, राज्य के ये तथाकथित अनुभवी नेता सरकार के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये नेता केवल अपने निजी राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं, जो अनुचित है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि जब राज्य के लोग बाढ़ में राहत और पुनर्वास के लिए दिन-रात प्रयास कर रहे थे, तब ये नेता मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए छटपटा रहे थे।
विपक्ष पर लगाया विधानसभा में समय बर्बाद करने का आरोप
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विशेष सत्र बाढ़ के बाद राज्य के पुनर्वास पर चर्चा के लिए बुलाया गया था, लेकिन इन नेताओं की संकीर्ण मानसिकता के कारण यह आलोचना तक सिमट गया। उन्होंने कहा कि पंजाब, भाग्यशाली धरती है और यहां सब कुछ खो देने के बाद भी फिर से उभरने की प्रवृत्ति है, लेकिन पीठ में छुरा घोंपने वाले ऐसे नेताओं ने हमेशा इसे बर्बाद करने की कोशिश की है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्राकृतिक आपदाएं भी पंजाबियों की कड़ी मेहनत और दृढ़ इरादों के सामने झुक जाती हैं। उन्होंने पंजाबियों की बहादुरी से अवगत कराने के लिए सरागढ़ी की लड़ाई, लोंगोवाल की लड़ाई और अन्य ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख किया।
केंद्र ने पंजाब को मुश्किल में अकेला छोड़ा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी देश को किसी समस्या या मुश्किल का सामना करना पड़ा है, पंजाब ने ढाल बनकर देश को बचाया है, चाहे वह देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना हो, अपनी सीमाओं की रक्षा करना हो या राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम हो। उन्होंने कहा कि जब पंजाब पर कोई संकट आता है, तो केंद्र सरकार हमारी समस्याओं के प्रति उदासीन रवैया अपनाती है और संकट में पंजाब को अपने हाल पर छोड़ देती है।