Saphala Ekadashi Shiv Puja: सफला एकादशी पर शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें

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Saphala Ekadashi Shiv Puja: सफला एकादशी पर शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें
Saphala Ekadashi Shiv Puja: सफला एकादशी पर शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें

इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का भी है बड़ा महत्व
Saphala Ekadashi Shiv Puja, (आज समाज), नई दिल्ली: सफला एकादशी का व्रत बहुत शुभ माना जाता है, जो पौष महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ता है। इस साल यह 15 दिसंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव की पूजा और शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का बड़ा महत्व है।

ऐसा माना जाता है कि एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ-साथ उनके आराध्य भगवान शिव की पूजा का भी बड़ा महत्व है। ऐसे में आइए शिव जी की कृपा पाने के लिए इस आर्टिकल में जानते हैं कि शिवलिंग पर क्या चढ़ाना शुभ माना जाता है?

शिवलिंग पर चढ़ाएं ये 5 खास चीजें

  • बिल्व पत्र: बिल्व पत्र भगवान शिव को सबसे प्रिय है। ऐसे में एकादशी के दिन शिवलिंग पर 11 या 21 बिल्व पत्र पर चढ़ाएं। ऐसा करने से भगवान शिव जल्द खुश होते हैं और घर की दरिद्रता का नाश होता है। बिल्व पत्र चढ़ाते समय ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप करते रहें।
  • गन्ना या गन्ने का रस: गन्ना या गन्ने का रस जीवन में मिठास, सुख और सफलता का प्रतीक है। कहा जाता है कि सफला एकादशी पर गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करने से व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में बड़ी सफलता प्राप्त होती है। ऐसे में शिवलिंग पर धीरे-धीरे गन्ने का रस चढ़ाएं और मन में सफलता की कामना करें।
  • सफेद चंदन: शिवलिंग पर सफेद चंदन लगाने से मन शांत होता है और क्रोध दूर होता है। साथ ही घर में सुख-शांति बनी रहती है। ऐसे में शिवलिंग पर चंदन का लेप जरूर लगाएं।
  • काले तिल: सफला एकादशी पौष महीने के कृष्ण पक्ष में आती है। ऐसे में इस दिन तिल का दान जरूर करें। काले तिल का दान और शिवलिंग पर इसे चढ़ाने से शनि दोष शांत होता है। ऐसे में जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें या तिल को सीधे शिवलिंग पर अर्पित करें।
  • अक्षत: अखंडित चावल समृद्धि और पूर्णता का प्रतीक हैं। ऐसे में शिवलिंग पर एक मुट्ठी अक्षत अर्पित करें। ऐसा करने से जीवन में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है।

श्री हरि पूजन मंत्र

  • श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय॥
  • ॐ विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्॥
  • मङ्गलम् भगवान विष्णु:, मङ्गलम् गरुडध्वज:। मङ्गलम् पुण्डरी काक्ष:, मङ्गलाय तनो हरि:॥

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