बीस साल से हजारों पक्षियों को नवजीवन दे रहा है करनाल का जीयो मंगलम : New Life To Birds

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  • बीस साल से हजारों पक्षियों को नवजीवन दे रहा है करनाल का जीयो मंगलम
  • खुद जीयें पक्षियों को भी जीने दें : अर्चना महाराज

प्रवीण वालिया, करनाल : 

New Life To Birds : हरियाणा के करनाल जिले में एक ऐसा अस्पताल है जहां पर आसमान से घायल होकर धरती पर गिरने वाले पक्षियों का उपचार किया जाता है। जैन समाज द्वारा करनाल के सैक्टर छह में स्थित जीयो मंगलम अब तक हजारों पक्षियों का जीवन दान दे चुका है। बसंत पंचमी के बाद यहां पर चायनीज डोर से घायल होकर गिरने वाले पक्षियों की संख्या बढ़ जाती हैं। भगवान महाबीर के जीयो और जीने दो के मार्ग पर चलते हुए जैन साध्वियों द्वारा यह  संचालित किया जा रहा है। यहां पर तीतर, कोयल कबूतर, मोर के साथ अन्य घायल पक्षियों का उपचार किया जाता है। यहां पर इस पक्षियों के अस्पताल का संचालन महाराज जगदीश मती माता जी द्वारा संचालित किया जा रहा है।
इस अस्पताल की शुरूआत बीस साल पहले की गई थी। देश में यह अपनी तरह का एक मात्र पक्षियों का अस्पताल है। जीयो मंगलम में लोग घायल हुए पक्षियों को लेकर आते है। सैक्टर छह में स्थित इस अस्पताल में लंबे समय से पक्षियों को जीवनदान मिल रहा है। यहां पर जब पक्षी ठीक हो जाते हैं। तो वह खुद चले जाते हैं। इस अस्पताल की संचालिका साध्वी संतोष जी महाराज तथा अर्चनामहाराज ने बताया कि यहां पर इस समय पांच सौ पक्षी रह रहे हैं।
कई बार यहां पर उल्लू और मोर भी आ जाते हैं। करनाल में इस अस्पताल के बारे में जानकारी देते हुए संतोष जी तथा अर्चना महाराज ने बताया कि चायनीज डोर पक्षियों के लिए जानलेवा बन जाती है। डोर से घायल होकर पक्षी या तो जमीन पर गिर जाते हैं या पेड़ पर अटक जाते हैं। उन्होंने बताया कि दो पक्षी उपचार के दौरान मर गए थे। इसके अलावा व सत्तर से अधिक पक्षी बुरी तरह घायल हो गए। लोग पतंगबाजी के शोक के कारण पक्षियों के जीवन के लिए खतरा बन जाते हैं।  उन्होंने लोगों से अपील की कि चायनीज डोर का प्रयोग नहीं करें। खुद जीये और दूसरों को जीने दो।
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