Punjab Hindi News : पंजाब में दिल के मरीजों के लिए नई उम्मीद

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Punjab Hindi News : पंजाब में दिल के मरीजों के लिए नई उम्मीद
Punjab Hindi News : पंजाब में दिल के मरीजों के लिए नई उम्मीद

शुरुआती चरण में 583 जानें बचाने वाले पंजाब के महत्वपूर्ण स्टैमी प्रोजेक्ट का अब हुआ राज्य स्तर तक विस्तार

Punjab Hindi News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब में उन लोगों को प्रदेश सरकार ने बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने का फैसला लिया है जो दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। इस संबंधी घोषणा करते हुए पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने पंजाब स्टैमी प्रोजेक्ट का प्रांतीय स्तर पर विस्तार करने के लिए उद्घाटन किया।

इस प्रोजेक्ट के साथ 23 जिलों के सभी जिला और उप-मंडल अस्पतालों को दिल के दौरे की स्थिति के दौरान मरीज की जान बचाने के लिए तुरंत कलाट बस्टर ड्रग टैनैकटेपलेस देकर थरोमोलाईसिस इलाज देने के लिए समर्थ बनाया गया है। यह महत्वपूर्ण पहल, जिसको मिशन अमृत (एक्यूट मायओकारडियल रीपरफ्यूजन इन टाईम) भी कहा जाता है, ऐस्टी – सैगमैंट ऐलीवेटिड मायओकारडियल इन्फार्कशन ( स्टैमी), जोकि दिल के दौरे की सबसे गंभीर किस्म है, का मकसद मरीजों को उसी समय तुरंत इलाज मुहैया करवाना है।

30 हजार रुपए का इंजेक्शन लगेगा फ्री

डॉ. बलबीर सिंह, जो स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव कुमार राहुल और दयानन्द मैडीकल कालेज और अस्पताल के कार्डियालोजी विभाग के प्रमुख डा. बिशव मोहन के साथ, यहां प्रोजेक्ट की शुरुआत करने पहुंचे थे, ने कहा कि टैनैकटेपलेस टीका, जिसकी कीमत लगभग 30,000 रुपए है, इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत मुफ़्त उपलब्ध कराया जा रहा है। यह टीका दिल में खून के थक्कों को क्षय/क्षीण करने में मदद करता है।

सफल साबित हुआ पायलट प्रोजेक्ट

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सफल होने के बाद यह प्रोजेक्ट राज्य भर में शुरू किया जा रहा है, पहले यह सिर्फ़ दो जिलों लुधियाना और पटियाला में लागू किया गया था और बाद में नौ और जिलों में लागू कर दिया गया था। शुरूआती पड़ाव में लगभग 14,000 छाती में दर्द वाले मरीजों को दाखिल किया गया और 1305 स्टैमी मरीजों की पहचान की गई, जिनमें से 583 मरीजों को जिला स्वास्थ्य सहूलतें और थरोमोबोलाईसिस का इलाज मुहैया करवा कर उनकी जान बचाई गई।

दिल के मरीजों को समय पर चिकित्सा मिलना जरूरी

प्रोजेक्ट की अहमीयत और आवश्यक्ता पर बोलते हुए डा. बलबीर सिंह ने कहा कि आम तौर पर देखा गया है कि पंजाब में छाती के दर्द से पीड़ित मरीजों को काफी देरी का सामना करना पड़ता है, अक्सर लक्षण शुरू होने से लगभग 2-3 घंटे बाद ही लोग मूलभूत डाक्टरी इलाज तक पहुँच करते हैं।

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