Kisan Andolan Ended किसान आंदोलन खत्म, विजय दिवस 11 को

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Kisan Andolan Ended

आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:

Kisan Andolan Ended : किसानों और सरकार के लिए नाक का सवाल बन चुका किसान आंदोलन आखिरकार खत्म हो ही गया। किसान नेता बलबीर ने बयान दिया कि यह अहंकारी सरकार पर जीत है। यह भी कहा कि यह मोर्चे का अंत नहीं सिर्फ ब्रेक मात्र है। यह आंदोलन एक वर्ष से अधिक समय तक चला।

या आंकड़ों की नजर में कहें तो कुल 378 दिन तक रहा। इस दौरान कई परिवारों ने अपने परिजनों को भी खोया। अब किसान अपने मोर्चे हटाने पर जुटे हैं। ये लोग जल्द ही अपने परिजनों से मिल सकेंगे। 15 जनवरी को फिर संयुक्त किसान मोर्चा की फिर मीटिंग होगी। इसमें आंदोलन की समीक्षा की जाएगी। टेंट उखाड़ने के साथ-साथ वापसी की तैयारी भी शुरू कर दी है।

पंजाब के 32 और हरियाणा के 28 किसान संगठन थे साथ (Kisan Andolan Ended)

आंदोलन की अगुआई करने वाले पंजाब के 32 किसान संगठनों ने अगला कार्यक्रम भी तय कर लिया है। इसमें 11 दिसंबर को दिल्ली से पंजाब तक फतेह मार्च किया जाएगा। सिंघु और बॉर्डर से किसान एक साथ पंजाब के लिए वापस रवाना होंगे। 13 दिसंबर को पंजाब के 32 संगठनों के नेता अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब में माथा टेकेंगे। उसके बाद 15 दिसंबर को पंजाब में करीब 113 जगह लगे मोर्चे हटाए जाएंगे। हरियाणा के 28 किसान संगठन भी अलग से रणनीति बना चुके हैं।

इन मुद्दों पर सहमति (Kisan Andolan Ended)

  • एमएसपी पर सहमति
    केंद्र सरकार कमेटी बनाएगी, जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि लिए जाएंगे। अभी जिन फसलों पर टरढ मिल रही है, वह जारी रहेगी। एमएसपी पर जितनी खरीद होती है, उसे भी कम नहीं किया जाएगा।
  • सभी केस होंगे वापस
    हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार केस वापसी पर सहमत हो गई है। दिल्ली और अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के साथ रेलवे की ओर से दर्ज केस भी तत्काल वापस होंगे।
  • पांच लाख रुपये होगा मुआवजा
    मुआवजे पर भी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में सहमति बन गई है। पंजाब सरकार की तरह ही यहां भी 5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। किसान आंदोलन में 700 से ज्यादा किसानों की मौत हुई है।
  • बिजली बिल पर किसान से चर्चा
    बिजली संशोधन बिल को सरकार सीधे संसद में नहीं ले जाएगी। पहले उस पर किसानों के अलावा सभी संबंधित पक्षों से चर्चा होगी।
  • प्रदूषण पर जुर्माना हटेगा
    प्रदूषण कानून को लेकर किसानों को सेक्शन 15 से आपत्ति थी। इसमें किसानों को कैद नहीं, लेकिन जुमार्ने का प्रावधान है। इसे केंद्र सरकार हटाएगी।

केस वापसी पर था पेंज, बनी सहमति (Kisan Andolan Ended)

केंद्र सरकार ने इस बार सीधे संयुक्त किसान मोर्चा की 5 सदस्यीय हाईपावर कमेटी से बैठक की। हाईपावर कमेटी के सदस्य बलबीर राजेवाल, गुरनाम चढ़ूनी, अशोक धावले, युद्धवीर सिंह और शिवकुमार कक्का नई दिल्ली स्थित आॅल इंडिया किसान सभा के आफिस में पहुंचे। यहां वीसी के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय के अफसर भी जुड़े। सबसे बड़ा पेंच केस पर फंसा था, जिसे तत्काल वापस लेने पर केंद्र राजी हो गया। (Kisan Andolan Ended)

पंजाब थी इस आंदोलन की जन्मभूमि (Kisan Andolan Ended)

यहां आपको बताना चाहेंगे कि इस आंदोलन की चिंगारी पंजाब से ही फूटी थी। 5 जून 2020 को केंद्र ने कृषि सुधार बिल संसद में रखे थे। इसके बाद 17 सितंबर को इन्हें पास कर दिया। पंजाब में सबसे पहले इसका विरोध शुरू हुआ। 24 सितंबर को पंजाब से आंदोलन शुरू हुआ। इसके तीन दिन बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ यह कानून बन गया। इसके बाद किसानों ने नवंबर में दिल्ली कूच शुरू कर दिया।

हरियाणा नहीं रोक पाया था किसानों को (Kisan Andolan Ended)

किसान कानूनों का विरोध शुरू होते ही हरियाणा ने बॉर्डर सील कर दिए। जहां किसानों पर लाठीचार्ज हुआ। पानी की बौछारें छोड़ी गई। किसान बैरिकेड तोड़कर हरियाणा में घुस गए। अगले दिन हरियाणा सरकार को भी पीछे हटना पड़ा। किसानों ने दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन शुरू कर दिया।

10 से अधिक दौर की वार्ता रही थी विफल (Kisan Andolan Ended)

आंदोलन को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 10 से अधिक दौर की वार्ता की, लेकिन कानून वापस लेने के लिए अड़े रहे। इसके बाद काफी समय बातचीत बंद रही। 26 जनवरी 2021 को जब ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में कुछ प्रदर्शनकारी लाल किला तक पहुंच गए। यहां हिंसा भी हुई। किसान आंदोलन पर कई तरह के आरोप लगे, लेकिन किसान तस से मस नहीं हुए।

प्रधानमंत्री ने किया कानून वापसी का ऐलान (Kisan Andolan Ended)

19 नवंबर को गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया। 29 नवंबर को इन्हें लोकसभा और राज्यसभा से पास कर दिया। इसके बाद किसानों ने टरढ पर गारंटी कानून की मांग की। हालांकि अब इस पर सहमति बनी कि केंद्र की कमेटी में संयुक्त किसान मोर्चे के मेंबर भी शामिल होंगे। इसके अलावा केस वापसी पर भी केंद्र ने लिखित में दे दिया है। इसके बाद किसान आंदोलन का गुरुवार को समापन हो गया। (Kisan Andolan Ended)

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