मांगों को लेकर मिड डे मील कार्यकर्ता यूनियन ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन 

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Mid Day Meal Employees Union protested against the demands
आज समाज डिजिटल,नारनौल:
मिड डे मील कार्यकर्ता यूनियन हरियाणा संबंधित स्कीम वर्कर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया (एआईयूटीयूसी) की मिड डे मील कार्यकर्ता आज स्थानीय पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के सामने एकत्रित होकर जुलूस के रूप में अपनी मांगों के लेकर शहर के मुख्य मार्गों होते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री के कार्यालय पर पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन निजी सचिव को सौंपा। अनुशासित जुलूस का नेतृत्व पूर्व प्रधान बिमला, सचिव संतोष, सरोज ब्लाक प्रधान प्रेमलता, माया, रोशनी, इंदिरा, मुनेश ने किया। भारी बारिश में भी नारनौल की सड़कों पर बरसाती पानी से भरी सड़कों पर बेहद गरीब परिवारों से मिड डे मील कार्यकर्ताओं का अपनी न्यायोचित मांगों के प्रति उत्साह को देखकर नारनौल के नागरिकों द्वारा नैतिक व मूक समर्थन करते हुए दिखाई दिए। मिड डे मील कार्यकर्ता यूनियन की पूर्व प्रधान बिमला ने कहा कि मिड डे मील कार्यकर्ता सरकार की पौषाहार की नीति को लागू कर नौनिहालों बच्चों को कुपोषण से बचाने का काम कर रही है। मिड डे मील कार्यकर्ता बेहद गरीब परिवारों से है। जिन्हें पूरे साल का मानदेय भी नहीं मिलता। सरकार को न्यूनतम वेतन व डी.सी. रेट की दर लागू की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन के माध्यम से की गई मांग 

मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि मिड डे मील कार्यकर्ता को श्रमिक का दर्जा दिया जाए, 15 बच्चों पर एक मिड डे मील कुक को लगाया जाएं, डी सी रेट का वेतन लागू किया जाए,पूरे 12 महिने का मेहनताना दिया जाए, छुट्टियों का मानदेय नहीं काटा जाए, रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष की जाए व रिटायरमेंट पर कम से कम 3 लाख की एकमुश्त सहायता राशि दी जाए, मिड डे मील कार्यकर्ताओं को आयुष्मान से जोड़कर नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी जाए, डे्स की राशि 1500 रुपये सालाना दी जाए पहले से लगी हुई मिड डे मील को नहीं हटाया जाए, मिड डे मील लगाने और हटाने की नीति बनाई जाए, शिक्षा को निजी हाथों में सौंपने की नीति को वापस लिया जाए। सरकारी स्कूलों को समायोजन की नीति पर रोक लगाई जाए। जैसी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। एआईयूटीयूसी जिला प्रधान मास्टर सुबे सिंह ने मिड डे मील कार्यकर्ताओं से एकजुटता के साथ आन्दोलन से जुड़े रहने का आह्वान किया। एआईयूटीयूसी जिला सचिव छाजूराम रावत ने कहा कि सरकार की शिक्षा को निजी हाथों में सौंपने की नीति जन हित में नहीं है, इससे गरीबों के बच्चे शिक्षा की पहुंच से बाहर हो जाएंगे। उन्होंने सरकार के सरकारी स्कूलों को बंद कर समयोजन की नीति का पुरजोर विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की। रावत ने कहा कि निजीकरण की नीतियां देश व जनता के हित में नहीं है। आज की प्रदर्शन में सुनीता, कौशल्या, कमलेश, मुनेश, निशा, उर्मिला, गीता, कुसुम, रामरती, मुकेश, शकुन्तला बिमला प्रियंका कान्ता सहित सैकड़ों मिड डे मील कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस अवसर पर मुकेश कुमार व राजकुमार भी उपस्थित थे।

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