मेक्सिकों की संसद ने दी नए टैरिफ को मंजूरी, भारत पर भी पड़ेगा नकारात्मक असर
Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिका द्वारा दूसरे देशों से आयात होने वाली वस्तुओं पर उच्च टैरिफ लगाने के बाद उसके पड़ौसी देश मेक्सिकों ने भी अब टैरिफ लगाने का निर्णय किया है। मेक्सिको की संसद ने उन 1400 वस्तुओं पर टैरिफ लगा दिया है जो दूसरे देशों से आती है। राष्ट्रपति क्लाउडिया शाइनबाम की सत्तारूढ़ मोरेना पार्टी ने घेरलू उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए टैरिफ को जरूरी बताया। मेक्सिको ने उन देशों से आयात होने वाले सामान पर टैरिफ लगाया है जिनके साथ मेक्सिको का मुक्त व्यापार समझौता नहीं हुआ है।
अब इन उत्पादों पर टैरिफ लगाएगा मेक्सिको
इसके तहत कपड़े, जूते, घरेलू उपकरण और फर्नीचर जैसी रोजमर्रा की उपभोक्ता वस्तुओं पर 5 से 50 प्रतिशत तक का शुल्क लगाया गया है। विशेष रूप से, एल यूनिवर्सल समाचार रिपोर्ट के अनुसार, इस अध्यादेश में आॅटो पार्ट्स, हल्की कारों, कपड़ों, प्लास्टिक, स्टील, घरेलू उपकरणों, खिलौनों, वस्त्रों, फर्नीचर, जूते, चमड़े के सामान, कागज और कार्डबोर्ड, मोटरसाइकिलों, एल्यूमीनियम, ट्रेलरों, कांच और साबुन, इत्र और सौंदर्य प्रसाधनों सहित विभिन्न वस्तुओं के आयात पर शुल्क निर्धारित किए गए हैं।
भारत का निर्यात भी होगा प्रभावित
प्रस्तावित उच्च शुल्कों से सबसे ज्यादा प्रभाव चीन के निर्यात पर पड़ेगा। इसके अतिरिक्त भारत, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। सरकार ने इस वर्ष की शुरूआत में अनुमान लगाया था कि प्रस्तावित शुल्कों से प्रति वर्ष 70 अरब पेसो (3.8 अरब अमेरिकी डॉलर) का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
चीन ने सभी रूपों में एकतरफा टैरिफ वृद्धि का विरोध किया है। उन्होंने मेक्सिको से आग्रह किया कि वह एकतरफावाद और संरक्षणवाद की अपनी गलत प्रथाओं को जल्द से जल्द सुधारे। सरकारी मीडिया शिन्हुआ ने चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से कहा कि बीजिंग मैक्सिकन उपायों के कार्यान्वयन पर बारीकी से नजर रखेगा और उनके संभावित प्रभाव का आगे मूल्यांकन करेगा।


