Martyrdom journey of Shri Guru Tegh Bahadur Sahib: सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत यात्रा पहुंची जींद

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Martyrdom journey of Shri Guru Tegh Bahadur Sahib
Martyrdom journey of Shri Guru Tegh Bahadur Sahib
  • यात्रा शहीदों की गाथा को जन-जन तक पहुंचा रही: स. करनैल सिंह निम्राबाद

आज समाज नेटवर्क, जींद:

Martyrdom journey of Shri Guru Tegh Bahadur Sahib: सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब, भाई दयाला जी, भाई सती दास जी व भाई मति दास जी की शहादत के 350 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में निकाली जा रही विशाल नगर कीर्तन यात्रा शनिवार रात को रानी तालाब स्थित गुरूद्वारा तेग बहादुर साहिब में पहुंची।

यात्रा का स्वागत किया गया

यात्रा का हरियाणा गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य सरदार करनैल सिंह निम्नाबाद की अध्यक्षता में यात्रा का स्वागत किया गया। इस यात्रा ने रात्रि ठहराव गुरूद्वारा में किया और रविवार को यह यात्रा लाखनामाजरा रोहतक के लिए रवाना हो गई। यहां पर मुख्य रूप से गुरूद्वारा मैनेजर गुरविंदर सिंह, हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी  की पूर्व सदस्य परमिंदर कौर पूर्व सदस्य परमिंद्र कौर, जोगिंदर सिंह पाहवा  सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे। श्रद्धालुओं ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका और यात्रा के साथ चल रहे मौजिज लोगों को सिरोपा पहना कर सम्मानित किया।

यात्रा गुरूद्वारा तेग बहादुर साहिब में पहुंची

गुरूद्वारा मैनेजर गुरविंदर सिंह ने बताया कि 350 वर्ष पहले दिल्ली के चांदनी चौक में मुगल शासक औरंगजेब के आदेश पर श्री गुरु तेग बहादुर, भाई दयाला, भाई सती दास और भाई मति दास को इस्लाम स्वीकार न करने के कारण शहीद कर दिया गया था। उन्हीं शहीदों की याद में यह नगर कीर्तन यात्रा आनंदपुर साहिब से दिल्ली के चांदनी चौक तक निकाली जा रही है। शनिवार को यह यात्रा गुरूद्वारा तेग बहादुर साहिब में पहुंची।

गुरू तेग बहादुर ने धर्म की रक्षा की Martyrdom journey of Shri Guru Tegh Bahadur Sahib

उन्होंने कहा कि गुरू तेग बहादुर ने धर्म की रक्षा की। ओरंगजेब जबरन धर्म परिवर्तन करवाना चाह रहा था। उसने तरह-तरह के प्रलोभन, तरह-तरह के अत्याचारों के जरिये गुरू तेग बहादुर जी पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाया लेकिन गुरू तेग बहादुर जी ने उनका डटकर मुकाबला किया और धर्म की रक्षा के लिए सवोच्च बलिदान दिया। उन्होंने अपनी शहादत देकर आने वाली पीढिय़ों को एक प्रेरणा दी।

हिंदू, सिख एकता की प्रतीक Martyrdom journey of Shri Guru Tegh Bahadur Sahib

हरियाणा गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य सरदार करनैल सिंह निम्नाबाद  ने कहा कि यह यात्रा हिंदू, सिख एकता की प्रतीक है और शहीदों की बलिदान गाथा को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रही है। विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धांत की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर साहिब का स्थान अद्वितीय है।
उनकी शहादत दुनिया में मानव अधिकारों के लिए पहली शहादत थी। इसलिए उन्हें सम्मान के साथ हिंद की चादर भी कहा जाता है। गुरु तेग बहादुर जी का जीवन भारत के सांप्रदायिक सौहार्द, सहिष्णुता और धर्म की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान की मिसाल है।

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