Mark-2 Drone: चीन-पाक बॉर्डर पर नजर रखेंगे एडवांस्ड हेरॉन मार्क-2 ड्रोन

0
213
Mark-2 Drone
चीन-पाक बॉर्डर पर नजर रखेंगे एडवांस्ड हेरॉन मार्क-2 ड्रोन

Aaj Samaj (आज समाज), Mark-2 Drone, नई दिल्ली: भारत लगातार अपने दुश्मनों से निपटने की कुव्वत में जुटा है। श्रीनगर एयरबेस पर मिग-29 फाइटर जेट के स्क्वाड्रन की तैनाती के एक दिन बाद अब नॉर्दर्न सेक्टर के फॉरवर्ड एयरबेस पर एडवांस्ड हेरोन मार्क-2 ड्रोन तैनात किए हैं। लॉन्ग रेंज मिसाइलों से हमले की क्षमता रखने वाले ये ड्रोन चीन व पाकिस्तान पर नजर रखेंगे। यानि ये वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ-साथ एलओसी की भी निगरानी करेंगे।

चार नए हेरॉन मार्क-2 ड्रोन्स उत्तरी क्षेत्र में किए तैनात

बता दें कि एक दिन पहले ही वायु सेना ने श्रीनगर एयरबेस पर एडवांस्ड मिग-29 फाइटर जेट की स्क्वॉड्रन तैनात की है। उत्तरी क्षेत्र में मिग-29 और हेरॉन मार्क-2 ड्रोन तैनात होने से सेना की ताकत बढ़ेगी। लंबी दूरी की मिसाइलों और अन्य हथियार प्रणालियों से लैस चार नए हेरॉन मार्क-2 ड्रोन्स को उत्तरी क्षेत्र में एक फॉरवर्ड एयर बेस पर तैनात किया गया है।

मेड इन इजराइल हैं हेरॉन मार्क-2 ड्रोन्स

हेरॉन मार्क-2 ड्रोन्स इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) ने बनाए हैं और ये 277 किमी/घंटा की रफ्तार से 35 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं। इसके अलावा एक बार में ये 36 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं। ड्रोन स्क्वाड्रन के कमांडिग आॅफिसर विंग कमांडर पंकज राणा ने बताया- हेरॉन मार्क-2 बहुत ही सक्षम ड्रोन है और इससे पूरे देश की एक ही जगह से निगरानी की जा सकती है। ये अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए किसी भी मौसम और किसी भी इलाके में काम कर सकता है।

पहले की तुलना में ज्यादा अच्छे : पायलट

हेरॉन मार्क-2 ड्रोन के पायलट अर्पित टंडन ने बताया कि हेरॉन ड्रोन के जिन नए संस्करण को शामिल किया गया है वो पहले की तुलना में बहुत ज्यादा बेहतर हैं। उन्होंने बताया कि सन् 2000 के दशक की शुरूआत में भारतीय वायु सेना में हेरॉन ड्रोन शामिल किया जाना शुरू किया था।

प्रोजेक्ट चीता को आगे बढ़ाने का प्लान

भारतीय वायु सेना मेक इन इंडिया के तहत अब अपने प्रोजेक्ट चीता को आगे बढ़ाने की तैयारी में है। इसके तहत सशस्त्र बलों के लगभग 70 हेरॉन ड्रोन को उपग्रह संचार लिंक के साथ उन्नत किया जाना है। सेना को 31 प्रीडेटर ड्रोन भी मिल रहे हैं, जो उच्च ऊंचाई, लंबी सहनशक्ति श्रेणी के हैं।

यह भी पढ़ें :  

Connect With Us: Twitter Facebook

 

SHARE