हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में पशु कोशिका संवर्धन पर कार्यशाला की हुई शुरूआत

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Workshop on Animal Cell Culture Started in Central University of Haryana
Workshop on Animal Cell Culture Started in Central University of Haryana

नीरज कौशिक, Mahendragarh News:
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में बेसिक एनिमल सेल कल्चर टेक्निक्स पर सात दिवसीय कार्यशाला की शुरूआत हुई। विश्वविद्यालय के जैवरसायन विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यशाला की शुरूआत के अवसर पर विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने प्रतिभागियों व आयोजकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अवश्य ही इसके माध्यम से प्रतिभागी लाभांवित होंगे।

विभाग में उपलब्ध संसाधनों के संबंध में जानकारी

जैवरसायन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. पवन कुमार मौर्य ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए विभाग में उपलब्ध संसाधनों के संबंध में जानकारी दी। स्कूल ऑफ इंटरडिसिप्लिनरी एंड एप्लाइड साइंसेज की डीन व शोध अधिष्ठाता प्रो. नीलम सांगवान आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप शामिल हुईं। उन्होंने इस अवसर पर बड़े पैमाने पर चिकित्सा में टीकों के विकास व उत्पादन सहित सेल कल्चर में बुनियादी पशु सेल संस्कृति के महत्व पर प्रकाश डाला।

एनिमल सेल कल्चर के महत्व पर प्रकाश 

आयोजन में उपस्थित विशेषज्ञ राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र (एनबीआरसी), गुड़गांव के वैज्ञानिक डॉ. भवानी शंकर साहू ने विनियमित एक्सोसाइटोसिस और शारीरिक परिणाम पर व्याख्यान दिया। डॉ. साहू ने बायोमेडिकल और ट्रांसलेशनल रिसर्च में शक्तिशाली उपकरण के रूप में एनिमल सेल कल्चर के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

कार्यशाला में कुल 25 प्रतिभागी भाग ले रहे

कार्यशाला में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय, मदुरै कामराज विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से कुल 25 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। यह कार्यशाला विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी)-विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) द्वारा त्वरित विज्ञान कार्यशाला योजना के तहत वित्त पोषित है।

विद्यार्थियों की टीम महत्त्वपूर्ण योगदान

कार्यक्रम आयोजक डॉ. मुलका मारुति ने कार्यशाला में प्रशिक्षण का अवलोकन दिया। आयोजन समिति में डॉ. अंतरेश कुमार, डॉ. उषा नागराजन और डॉ. सौरभ सी. सक्सेना हैं। बैठक में सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग से प्रो. सुरेंद्र सिंह और प्रो. गुंजन गोयल और पर्यावरण विज्ञान से डॉ. मोना शर्मा ने भाग लिया। कार्यशाला के लिए अनुसंधान विद्वानों और जैव रसायन के एमएससी विद्यार्थियों की टीम महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही है।

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