Vinayak Chaturthi Upay: विनायक चतुर्थी की रात इन स्थानों पर जलाएं दीपक

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Vinayak Chaturthi Upay: विनायक चतुर्थी की रात इन स्थानों पर जलाएं दीपक
Vinayak Chaturthi Upay: विनायक चतुर्थी की रात इन स्थानों पर जलाएं दीपक

जीवन की सभी बाधाएं होंगी दूर, घर में आएंगी खुशहाली
Vinayak Chaturthi Upay, (आज समाज), नई दिल्ली: प्रत्येक महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। यह तिथि भगवान गणेश जी को समर्पित है, जिन्हें विघ्नहर्ता और प्रथम पूज्य माना जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार विनायक चतुर्थी 24 नवंबर यानी की आज मनाई जा रही है। माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से गणेश जी की पूजा करने और विशेष रूप से रात में दीपक से जुड़े कुछ उपाय करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और घर में खुशहाली का वास होता है।

चार लौंग डालकर गाय के घी का दीपक जलाएं

विनायक चतुर्थी पूजा के बाद या रात को सोने से पहले एक मिट्टी के दीपक में गाय का शुद्ध घी भरें और उसमें चार लौंग डालकर जलाएं। ऐसा करने से दरिद्रता का नाश होता है और धन आगमन के रास्ते खुलते हैं। दीपक जलाते समय भगवान गणेश के चरणों में 21 दूर्वा की गांठें अर्पित करें और ॐ गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें।

आटे के दीपक में सरसों या तिल का तेल डालकर जलाएं

विनायक चतुर्थी की रात को एक आटे का दीपक बनाकर उसमें सरसों का तेल या तिल का तेल भरकर पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं। ऐसा करने से शनि और राहु के दोषों से छुटकारा मिलता है। साथ ही अगर आप लंबे समय से किसी रोग या कर्ज से परेशान हैं, तो इस उपाय को करने से धन की सभी मुश्किलें दूर होंगी।

घर के मुख्य द्वार पर दो मुखी दीपक जलाएं

विनायक चतुर्थी की रात मुख्य द्वार पर घर के अंदर की तरफ मुंह करके दो मुखी दीपक जलाएं। कहा जाता है कि मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। साथ ही नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता है।

गणेश जी के सामने जलाएं अखंड दीपक

अगर आप किसी बड़े काम में लगातार बाधाओं का सामना कर रहे हैं, तो विनायक चतुर्थी की पूजा शुरू करते समय एक शुद्ध घी का अखंड दीपक गणेश जी के सामने जलाएं। दीपक जलाते समय उनके वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं। ऐसा करने से भगवान गणेश की कृपा मिलती है। साथ ही सभी काम में आ रही सभी रुकावटें दूर होती हैं।

ध्यान रखें ये बातें

  • दीपक हमेशा साफ जगह पर ही जलाएं।
  • दीपक जलाने से पहले और बाद में भगवान गणेश का ध्यान करें और अपनी मनोकामना बोलें।
  • पूजा में तुलसी का प्रयोग न करें, क्योंकि यह गणेश जी को अर्पित नहीं की जाती है।

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