Hindu Funeral Traditions: जानें किसी की मृत्यु होने पर परिवार के सदस्य सफेद कपड़े क्यों पहनते हैं?

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Hindu Funeral Traditions: जानें किसी की मृत्यु होने पर परिवार के सदस्य सफेद कपड़े क्यों पहनते हैं?
Hindu Funeral Traditions: जानें किसी की मृत्यु होने पर परिवार के सदस्य सफेद कपड़े क्यों पहनते हैं?

सफेद रंग को माना गया है पवित्रता, शुद्धता और सादगी का प्रतीक
Hindu Funeral Traditions, (आज समाज), नई दिल्ली: भारत में, किसी अपने की मृत्यु हो जाना परिवार के लिए सबसे कठिन समय होता है। दुख की इस घड़ी में, आपने अक्सर देखा होगा कि मृतक के परिवार के सदस्य और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोग सफेद या हल्के रंग के वस्त्र धारण करते हैं। यह केवल एक परंपरा नहीं है, आइए, विस्तार से जानते हैं कि शोक के समय सफेद कपड़े पहनने की यह रीति क्यों निभाई जाती है और इसका क्या महत्व है।

धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

  • शुद्धता और पवित्रता: सफेद रंग को पवित्रता, शुद्धता और सादगी का प्रतीक माना जाता है। मृत्यु के बाद, आत्मा को शुद्ध मानकर उसके नए मार्ग पर जाने की कामना की जाती है। सफेद वस्त्र धारण कर परिवार यह दशार्ता है कि वे मृतक की आत्मा के लिए एक शुद्ध और पवित्र वातावरण तैयार कर रहे हैं।
  • वैराग्य और त्याग: यह रंग मोह-माया से मुक्ति और वैराग्य को भी दशार्ता है। सफेद कपड़े पहनना यह स्वीकार करना है कि भौतिक दुनिया अस्थायी है और व्यक्ति को सांसारिक मोह को त्याग देना चाहिए।
  • शांति का प्रतीक: सफेद रंग शांति और संयम का रंग है। शोक के समय, यह रंग मन को शांत रखने और दुख को स्वीकार करने में सहायता करता है। यह एक मौन अभिव्यक्ति है कि इस दुखद घटना को शांतिपूर्वक स्वीकार किया गया है।
  • नई शुरूआत: कुछ मान्यताओं के अनुसार, सफेद रंग एक नई शुरूआत का भी प्रतीक है। मृत्यु को जीवन के एक चक्र का अंत नहीं, बल्कि दूसरे जीवन की शुरूआत माना जाता है। सफेद वस्त्र जीवन के उस नए अध्याय के लिए तैयारी को दर्शाता है।

सांस्कृतिक और सामाजिक कारण

  • भेदभाव रहित रंग: सफेद रंग एक तटस्थ रंग है जो किसी भी तरह के सामाजिक भेदभाव को नहीं दशार्ता। शोक के समय, सभी लोग एक समान रूप से अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।
  • ध्यान हटाने से बचना: गहरे और भड़कीले रंग उत्सव और आकर्षण से जुड़े होते हैं। शोक के समय सादे सफेद कपड़े इसलिए पहने जाते हैं ताकि किसी का ध्यान कपड़ों पर न जाकर उस समय के शोक से गुजर रहे परिजनों पर रहें।

अपवाद और अन्य संस्कृतियों में रंग

  • अन्य रंग: दुनिया के कई हिस्सों में शोक के लिए सफेद की बजाय काला रंग पहनने की परंपरा है। पश्चिमी संस्कृति में काला रंग दुख और शोक का प्रतीक माना जाता है।
  • भारत में अपवाद: भारत के कुछ हिस्सों में और कुछ समुदायों में (जैसे विधवा होने पर) कुछ अन्य रंग पहनने की भी परंपराएं हैं, लेकिन अंतिम संस्कार के दौरान परिवार के सदस्यों द्वारा सफेद वस्त्र धारण करना सबसे आम है। इसलिए किसी की मृत्यु पर सफेद कपड़े पहनना केवल एक रूढ़िवादी नियम नहीं है, बल्कि यह शुद्धता, शांति, त्याग और सामाजिक एकता का एक गहरा प्रतीक है। यह दुख की घड़ी में परिवार को हिम्मत देने और दिवंगत आत्मा के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक मौन और मार्मिक तरीका है।

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