सात्विक व्यंजन परोसने से बरसेगा आशीर्वाद
Kanya Pujan Bhog, (आज समाज), नई दिल्ली: नवरात्र की शुरूआत कलश स्थापना के साथ होती है, तो वहीं इसका अंत कन्या पूजन और कन्या ज्यौनार या कन्या भोज के साथ होता है। नवरात्र के नौंवे दिन कन्या पूजन किया जाता है। कन्या पूजन को नवरात्रि के दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। कन्या पूजन के दौरान हमें कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। 2 से 10 वर्ष तक की कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर पूजन करना चाहिए।
इस दिन केवल पूजा-अर्चना ही नहीं, बल्कि कन्याओं को भोजन कराना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। भोजन में सात्विकता और स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि यही भोजन देवी के आशीर्वाद का माध्यम बनता है। कन्या पूजन के समय हल्का और पौष्टिक भोजन तैयार करना चाहिए, जिससे साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
इस चीज का लगाए भोग
कन्या भोज के लिए भोजन में पूड़ी, चना और सूजी का हलुआ बनाना चाहिए। क्योंकि यह पारंपरिक और सात्विक व्यंजन माने जाते हैं। इसके अलावा भोग में दूध, खीर, मौसमी फल जैसे केला, सेब, संतरा और अनार भी रखना अच्छा होता है। मिठाइयां जैसे लड्डू या हल्का केक भी परोस सकते हैं, ताकि कन्याओं का भोजन स्वादिष्ट और पौष्टिक हो। सूखे मेवे जैसे बादाम, काजू और किशमिश का भोग भी अत्यंत शुभ होता है और यह भोजन की सात्विकता को बढ़ाता है।
इन बातों का रखना चाहिए ध्यान
भोजन तैयार करते समय साफ-सुथरा और स्वच्छ वातावरण बनाना आवश्यक है। भोजन को गरम-गरम परोसें और पूजन के बाद कन्याओं को दक्षिणा, वस्त्र या कोई उपयोगी उपहार देकर विदा करें। उन्होंने कहा कि इस तरह का भोग न केवल पूजा को पूर्णता प्रदान करता है, बल्कि घर में लक्ष्मी का वास कर सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखता है।
दक्षिणा भी देना जरूरी
कन्या पूजन के बाद दक्षिणा के रूप में आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार धन, मिठाई, फल, कपड़े, शृंगार का सामान, या शिक्षा से संबंधित वस्तुएं जैसे किताबें और स्टेशनरी दे सकते हैं। धन देते समय आप अपनी श्रद्धा के अनुसार 11, 21 या 51 रुपये भी दे सकते हैं। दक्षिणा में चावल और जीरा भी दिया जा सकता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इससे घर में धन-धान्य में वृद्धि होती है।