जेइइ-मेंस में एक बार फिर जेनिसिस क्लासिस के बच्चों ने लहराया परचम

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Qualifying for JEE-Advanced Exam
Qualifying for JEE-Advanced Exam
  • समर्पण ने जेईइ-मेंस में अर्जित की 99.86 परसेंटाइल
  • 100 से अधिक बच्चों ने किया जेइइ-एडवांस की परीक्षा के लिए क्वालीफाई
प्रवीण वालिया, Karnal News: 

देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा ली जाने वाली जेइइ-मेंस का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। जिसमें उत्तर भारत के जाने-माने शिक्षण संस्थान जेनिसिस क्लासिस के विद्यार्थियों ने सफलता का कीर्तिमान स्थापित किया। जेनिसिस क्लासिस पिछले 14 सालों से मेडिकल, इंजीनियरिंग, केवीपीवाई, एनडीए, एनटीसी सहित विभिन्न प्रतियोगी परिक्षाओं में सफलता का पर्याय बनी हुई है। इसी सफलता के मूल-मंत्र का बरकार रखते हए। इस बार फिर 100 से अधिक बच्चों ने जेइइ-एडवांस के लिए क्वालिफाई किया।

जेइइ-एडवांस की परीक्षा के लिए बच्चों ने किया क्वालीफाई

जेनिसिस के समर्पण वर्मा ने 99.86 परसेंटाईल प्राप्त कर उत्तर भारत में सम्मानजनक स्थान प्राप्त किया। इसके अलावा जेनिसिस क्लासिस के 7 विद्यार्थियों ने 99 परेंटाईल से अधिक अंक प्राप्त किए। इसके अलावा भवदीप ने 99.72 परसेंटाईल, प्रभात ने 99.71 परसेंटाईल, कुंज सैनी ने 99.35 परसेंटाईल, दिव्यांश ने 99.35 परसेंटाईल, दिगविजय ने 99.33, वासु गर्ग ने 99.26 परसेंटाईल, अंश ने 99.13 परसेंटाईल, आर्यन ने 98.91 परसेंटाईल प्राप्त की। इसके अलावा प्राशुंल ने 98.85, अमिताब ने 98.70, दुष्यंत ने 98.68, अभय ने 98.60, धु्रव ने 98.60, यशिका ने 98.54, वशिष्ट ने 98.42, विशाखा ने 98.30 परसेंटाईल प्राप्त की।

मेडिकल कॉलेजों में विद्यार्थियों के प्रवेश के सपने को पूरा किया

जेनिसिस क्लासिस के बच्चों को अभूतपूर्व सफलता का उत्सव मनाया गया। इस मौके पर सफल विद्यार्थियों का टीचर द्वारा मुंह मीठा करवाया गया। इस बार परीक्षा परिणाम में जेनिसिस की टीम की मेहनत और समपर्ण का असर दिखाई दिया। जानकारी देते हुए जेनिसिस क्लासिस के डायरेक्टर जितेंद्र सिंह अहलावत और नवनीत कल्हण ने बताया कि प्रतिकुल परिस्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन किया। पिछले 14 सालों से जेनिसिस क्लासिस विद्यार्थियों और अभिभावकों के सपने पूरे करने के लिए लगातार परिश्रम कर रही है। इस अवधि में इस संस्थान ने शहर को एम्स, आईआईटी, एनआईटी और देश जाने-माने मेडिकल कॉलेजों में विद्यार्थियों के प्रवेश के सपने को पूरा किया। इस संस्थान के सैकड़ों विद्यार्थियों ने इन प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश पाने के लिए सफलता अर्जित की। आज इस सस्थान के विद्यार्थी माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसे सस्थानों में बेहतर और प्रतिष्ठित पैकेज ले रहे।

किसान के बेटे ने किया जेइइ-मेंस में टॉप

प्रतिभा ग्रामीण और शहरी माहोल का मोहताज नहीं होती। यूपी के सिदूर क्षेत्र से सीतापूर से किसान के बेटे ने करनाल के जेनिसिस में आकर सफलता का नया कीर्तिमान स्थापित किया। समर्पण ने 99.86 परसेंटाईल प्राप्त कर एक नए अध्याय की शुरूआत की। सीतापूर से कुरुक्षेत्र गुरूकुल में आकर तैयारी कर इस बार उसने अच्छे अंक प्राप्त किए। वह कम्प्यूटर इंजीनियर बनाना चाहता है। उसके पिता सीतापूर में छोटे से किसान संतोष कुमार का सपना बेटें को इंजीनियर बनाना था।

एक छोटे से गांव से निकला समर्पण बनना चाहता है कम्प्यूटर इंजीनियिर

समर्पण के भाई भी नीट की परीक्षा देगा। समर्पण ने अपनी सफलता का श्रेय कुरुक्षेत्र गुरूकुल के माहोल और जेनिसिस क्लासिस के टीचर्स के  लगातार संपर्क, कुशल मार्गदर्शन और बड़ी जटिल से जटिल प्रश्नों का समाधान निकालने को देता है। उसका कहना था कि वह इतनी दूर से जेनिसिस में इसलिए पढऩे आया कि यहां उसे घर जैसा माहोल मिला। यूपी के मिर्जापूर से जेनिसिस में आकर सफलता का स्वाद चखने वाले प्रभात को भी यहां नई मंजिल मिली। इनका परिवार व्यवसायी है और माता घरेलु महिला है। उसका एक भाई बीएचयू में आईआईटी कर रहा है।

बच्चों ने इच्छा अपनी पूरी की 

इतनी दूर से जेनिसिस में आकर प्रभात अपने आपको भाग्यशाली मानता है। उसने बताया कि उसे जेनिसिस क्लासिस में उसे परिवार जैसा माहौल मिला। यहां टीचर्स से उसे हर मुश्किल से लडऩे लायक बनाया। वह कम्प्यूटर इंजीनियर बनाना चाहता है। पहले प्रयाश मे ही उसने 99.71 परसेंटाईल प्राप्त की। यूपी के मुज्जफरनगर से जेनिसिस में अध्ययन कर अंश चौधरी ने 99.13 परसेंटाईल प्राप्त की। वह ऐयरो स्पेश टॅक्नोलॉजी में बी-टेक करना चाहता है। उसकी इच्छा अंतरिक्ष यात्री बनने की है। किसान का बेटा अंश चौधरी भी जेनिसिस की सफलता की कहानिया सुनकर यहां पर आया। उसके पिता छोटे से किसान है।

आर्यन ने जेइइ-मेंस परीक्षा में प्राप्त परसेंटाईल

संदीप चौधरी ने अपने बेटे को इंजीनियर बनाने के लिए यहां भेजा। अब उसका अगला टॉरगेट जेइइ-एडवांस परीक्षा है। उसे भरोसा है कि वह निश्चित की अच्दे अंक प्राप्त करेगा। रोहतक से करनाल जेनिसिस में आए आर्यन दहिया का सपना भी पूरा होने की कगार पर है। आर्यन ने जेइइ-मेंस परीक्षा में 98.91 परसेंटाईल प्राप्त की। वह कम्प्यूटर इंजीनियिर बनाना चाहता है। उसके पिता रेलवे पूलिस में काम करते है। उसने बताया कि जेनिसिस में उसे सफलता को प्राप्त करने का मूलमंत्र दिया। वह आज जेनिसिस के अध्यापकों का आभारी है। जिन्होंने उसे मेहनत करना सिखाया है। उसने कहा कि अब वह एडवांस परीक्षा के लिए पूरजोर तैयारी करेगा।

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