करनाल: ड्रिप सिंचाई से करनी चाहिए किसानों को खेती : डा.समर सिंह

0
242
Vice Chancellor Dr. Samar Singh
Vice Chancellor Dr. Samar Singh

प्रवीण वालिया, करनाल

महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. समर सिंह ने कहा कि हरियाणा में बागवानी विश्वविद्यालय की स्थापना मुख्यमंत्री मनोहर लाल व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरगामी सोच का परिणाम है। चार क्षेत्रीय केंद्रों के माध्यम से महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय प्रदेश के सभी किसानों तक बागवानी के लाभ व शिक्षा को पहुंचाने के लिए तत्पर है। डा. समर सिंह ने बताया कि किसान की आय का निरंतर बढना अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसानी की लागत निरंतर बढ़ रही है, जिससे जोत का लाभ या प्रति एकड़ लाभ अपेक्षाकृत घट रहा है। यह चिंता का विषय है। बागवानी खेती से जुड़ा वह क्षेत्र है जिसमें अपार संभावनाएं मौजूद हैं। बागवानी न केवल भूमि की सेहत, पानी के स्तर आदि का ध्यान रखती है बल्कि किसान की जेब का भी पूरा पूरा ध्यान रखती है। उन्होंने बताया कि ड्रिप सिंचाई से न केवल पानी का बचाव होता है बल्कि फसल की पैदावार और गुणवत्ता में भी 10 से 15 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है।

किसानों को हर संभव प्रयास कर ड्रिप सिंचाई का लाभ उठाना चाहिए । ड्रिप सिंचाई पर हरियाणा सरकार द्वारा 80 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि अत्यंत चिंता का विषय है हमें ध्यान रखना होगा कि हर साल पानी का स्तर 1 लीटर नीचे जा रहा है। ऐसा ही जारी रहा तो सोचिए कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या देंगे। उन्होंने गिरते जल स्तर के साथ-साथ जमीन की बिगड़ती सेहत पर भी चिंता व्यक्त की । डा. समर सिंह ने कहा कि जैविक पदार्थ स्तर या आर्गेनिक मैटर या आम भाषा में जमीन का स्वास्थ्य फसल के अवशेष जलाने, यूरिया का बहुत ज्यादा उपयोग करने और लगातार अनेकों वर्षों तक एक ही फसल को उगाते रहने से लगभग 4 गुणा कम हो गया है। इस संबंध में प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों की बहुत तेजी से आवश्यकता है। किसान को पानी की कमी और आर्गेनिक मैटर की बिगड़ती स्थिति को समझना होगा और इसके अनुसार ही फसल चक्र को अपनाना होगा। बागवानी को अपनाना इन समस्याओं के समाधान का एक बेहतरीन विकल्प है।

उन्होंने बताया कि बागवानी के संबंध में सही निर्णय लेने के लिए सबसे ज्यादा मिट्टी की जांच आवश्यक है।

डॉ. समर ने कहा कि करनाल और अंबाला से जुड़े क्षेत्र बागवानी के लिए अत्यंत उत्तम हैं । करनाल की जमीन अमरूद, आम, लीची और रसीले फलों के लिए अत्यंत उपयुक्त है। किसान बागवानी में आ रहे हैं और सफल भी हो रहे हैं । इस क्रम में उन्होंने जैनपुरा गांव के किसान साहिब सिंह और गोंदर के किसान केहर सिंह के एप्पल बेर के बाग का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बागवानी का मन बनाने वाले किसान इन किसानों से मिल सकते हैं और घरौंडा व शामगढ़ में हरियाणा सरकार के बागवानी सेंटर में भी जा कर बागवानी तकनीकों को देख सकते हैं।

SHARE