- पड़ोसी के मकान तथा पशुबाड़े में लगी आग बुझाने पहुंचा था मृतक युवक
- शॉर्ट सर्किट से आग की आंशका, फायर बिग्रेड भी पहुंची देरी से
Jind News (आज समाज) जींद। जुलाना स्थित वार्ड 13 में शनिवार अलसुबह मकान तथा पशुबाड़े में लगी आग को बुझाने पहुंचे युवक तथा एक भंैस की जिंदा जलने से मौत हो गई। आसपास के लोगों ने कड़ी के मशक्त के बाद आग पर काबू पाया। फायर बिग्रेड भी देरी से पहुंची। आशंका जताई जा रही है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी है। जुलाना थाना पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया है।
तूड़ी भरे होने तथा कडिय़ों की छत के चलते विकराल रूप धारण कर लिया
जुलाना के वार्ड 13 निवासी दीपक के मकान में बुधवार को अल सुबह आग भड़क उठी। जिसने साथ बने पशुबाड़े को भी अपनी चपेट में ले लिया। दीपक परिवार द्वारा मचाए गए शोर को सुनकर पड़ोसी 22 वर्षीय साहिल सहित पांच युवक मौके पर पहुंच गए और आग पर काबू पाने की कोशिश की। पशुबाड़े में तूड़ी भरे होने तथा कडिय़ों की छत के चलते विकराल रूप धारण कर लिया। साहिल तथा अन्य युवक पशुबाड़े की छत को उखाडऩे लगे। उसी दौरान पशुबाड़े की छत कडिय़ां जलने के कारण नीचे गिर गई।
जिसके साथ साहिल भी नीचे गिर गया और मलबे के नीचे दब गया। मौके पर मौजूद लोगों ने कड़ी मशक्त के बाद साहिल को बाहर निकाल सीएचसी पहुंचाया। जहां पर चिकित्सकों ने साहिल को मृत घोषित कर दिया। वहीं पशुबाड़े में बंधी भैस की भी जिंदा जलने से मौत हो गई। घटना की सूचना पाकर जुलाना थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई और हालातों का जायजा लिया। जुलाना थाना प्रभारी रविंद्र ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। मृतक के शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सांैप दिया गया है।
देरी से पहुंची फायर ब्रिगेड, बच जाती साहिल की जान
मृतक साहिल के चाचा पंकज ने आरोप लगाया कि सूचना के पौना घंटे बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुची। गली तंग होने के कारण गाड़ी भी आधा एकड़ दूर खड़ी हुई। जब तक पाइप डाली जाती तब तक काफी देर हो चुकी थी। उसने कहा कि अगर गाड़ी समय पर आती तो साहिल की जान बच जाती। साहिल छत से गिरने के बाद भी लगभग आधा घंटे तक मलबे में आग की लपटों में घिरा रहा। आसपास के लोगों ने ही साहिल को आग की लपटों से बाहर निकाला लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
लैब टेक्रीशिकायन का कोर्स करता था मृतक
मृतक साहिल का पिता सुनील दिहाड़ी का काम करता है। वह अपने नौल्था पानीपत में मजदूरी अपने दोनों बेटों को पढ़ा रहा था। साहिल 12वीं की परीक्षा पास कर महम में लैब टेकनिशियन का कोर्स कर रहा था। साहिल अपने दादा के पास जुलाना में रह रहा था।
साहिल के कोर्स को पूरा होने में मात्र तीन महीने ही बचे थे। जबकि साहिल का बड़ा भाई बीए पास कर चुका है। सुनील को उम्मीद थी कि साहिल कोर्स पूरा कर उनके परिवार का गुजर-बसर सही ढंग से चलाएगा लेकिन हादसे के बाद सुनील के सपनों पर पानी फिर गया। साहिल की मौत से जुलाना में मातम छा गया।