INLD Parivartan Padyatra Aapke Dwar: पदयात्रा में पैर दुखने पर भी नहीं कम हुआ अभय का हौसला, लोगों का मिल रहा भरपूर प्यार

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INLD Parivartan Padyatra Aapke Dwar
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला व अन्य

Aaj Samaj (आज समाज), INLD Parivartan Padyatra Aapke Dwar, चंडीगढ़: ‘परिवर्तन पदयात्रा आपके द्वार’ के जरिये प्रदेश की जनता का एक बार फिर दिल जीतने के मकसद निकले इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला को यात्रा को लेकर इतना क्रेज है कि पैरों में छाले पड़ने के बावजूद उनका हौसला कम नहीं हुआ है। अभय पैर के नाखून का आपरेशन भी हुआ है लेकिन इसके बावजूद वह लगातार पदयात्रा में डटे हुए हैं और जनता के बीच जाकर लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं। उनकी इस यात्रा से हरियाणा की सियासत एक बार गरमा गई है। सभी दलों की निगाहें इस यात्रा पर टिकी हुई हैं। गत 24 फरवरी से यात्रा नूंह के सिंगार गांव से शुरू हुई थी और सितंबर में यह कुरुक्षेत्र में संपन्न होगी।

  • डॉक्टरोंं ने दी है आराम की सलाह

पूरे 4200 किलोमीटर चलकर दिखाऊंगा

ऐलनाबाद के विधायक अभय चौटाला ने कुछ दिन पहले कहा था कि जो लोग कहते थे कि 300 किलोमीटर भी नहीं चल पाएगा लेकिन उन्हें मैं पूरे 4200 किलोमीटर चलकर दिखाऊंगा। मेवात के गांव सिंगार कुरुक्षेत्र तक की दूरी 4200 किलोमीटर है। पैदल चलने से पैरों में आए छालों व नाखून के आपरेशन के बाद चिकित्सकों ने अभय को आराम करने की सलाह दी है पर वह उनकी सलाह माने बिना फिर से लोगों के बीच आ गए।

रोज चल रहे 20 से 22 किलोमीटर पैदल

इन दिनों भीषण गर्मी भी पड़ रही है और प्रदेश में अधिकतर जगहों पर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के करीब है। दिन के समय अधिक गर्मी पड़ रही है। इसके बावजूद अभय सिंह चौटाला रोज 20 से 22 किलोमीटर पैदल चलकर 10 से 12 गांवों में लोगों का दुख-दर्द बांट रहे हैं। अभय सिंह चौटाला की यात्रा का बुधवार को 52वां दिन था और वह तब तक 1100 किलोमीटर से अधिक पैदल चलकर करीब 500 गांवों का दौरा कर चुके हैं। इस तरह वह कुल मिलाकर 25 सितंबर तक सात महीनों में 2 हजार गांवों में जाएंगे और 4200 किलोमीटर पैदल चलेंगे।

1986 में चौ. देवीलाल 19 दिन की यात्रा पर पहुंचे थे दल्ली

गौरतलब है कि साल 1986 में चौ. देवीलाल ने भी प्रदेशभर में न्याय युद्ध चलाया था और करीब 19 दिनों की यात्रा के बाद चौ. देवीलाल दिल्ली स्थित बोट क्लब पर पहुंचे थे। उस समय 72 साल के चौ. देवीलाल ने जब बोट क्लब में अपनी जुराबें उतारी तो पूरी जुराबें खून से लथपथ थी और जुराबें उतारने के बाद एक खून की धार फूट पड़ी। ठीक इसी तरह से यात्रा के दौरान लगातार सैकड़ों किलोमीटर चलने के बाद 37 साल बाद चौ. देवीलाल के पौत्र अभय सिंह चौटाला के पैरों से भी उसी तरह खून बहा है और वैसा ही दर्द सहा है।

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