Horticulture Schemes : बागवानी स्कीमों का लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य

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पौधा भेंटकर मुख्य अतिथि का स्वागत करती डा. नेहा यादव व अन्य।
पौधा भेंटकर मुख्य अतिथि का स्वागत करती डा. नेहा यादव व अन्य।
  • सेमिनार में लगभग 250 प्रगतिशील किसानों ने लिया हिस्सा

Aaj Samaj (आज समाज), Horticulture Schemes, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :
बागवानी विभाग की ओर से किसानों को बागवानी स्कीमों के बारे में जानकारी देने के लिए आज गांव बारडा में सेमिनार का आयोजन किया। कार्यक्रम में भिवानी उद्यान विभाग से उपनिदेशक आत्म प्रकाश ने मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत की। सेमिनार में लगभग 250 प्रगतिशील किसानों ने हिस्सा लिया।

किसानों को अधिक से अधिक बागवानी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए

उपनिदेशक आत्म प्रकाश ने बताया कि बागवानी विभाग विभिन्न स्कीमों को लाभार्थियों तक पहुंचाकर किसानों की आय बढ़ाने के लिए भरसक प्रयासरत है। किसानों को अधिक से अधिक बागवानी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग की स्कीमों का लाभ लेने के लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इसके बाद विभाग से सम्पर्क कर विभिन्न स्कीमों का लाभ लेकर किसान अपनी आय को बढ़ा सकता है।

उन्होंने बताया है कि किसान इस क्षेत्र में बेर, खजूर तथा अनार जैसे शुष्क मौसम के फल लगा सकते हैं। संरक्षित आकृति जैसे नैट हाऊस, मल्चिंग व टनल के अंदर सब्जी की कास्त आधुनिक तरीके जैसे टपका सिंचाई प्रणाली के माध्यम से किसान अपनी आय में मुनाफा कर सकता है। इस मौके पर उन्होंने किसानों व उद्यमियों द्वारा लगाई गई स्टाल का अवलोकन किया तथा प्रगतिशील किसानों से उनके उत्पादों के बारे में जानकारी ली।

इस मौके पर जिला उद्यान अधिकारी डॉ. प्रेम कुमार ने विभाग की ओर से चलाई जा रही स्कीमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ की जलवायु के अनुसार यहां पर सब्जी, मसाले की खेती व उनका बीज उत्पादन आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए बागवानी विभाग 15 हजार रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान दे रहा है। इस स्कीम में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लाभांवित किया जाता है। उन्होंने बताया कि स्कीमों का लाभ लेने के लिए सर्वप्रथम मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाएं।

इसके बाद किसान बागवानी विभाग के पोर्टल एचओआरटी एनईटी डॉट जीओवी डॉट इन पर पंजीकरण करवा कर मद का चुनाव कर के जरूरी दस्तावेज अपलोड करने के बाद ही स्कीम का लाभ लेने का योग्य होगा। उन्होंने बताया कि एक किसान अधिकतम सब्जी उत्पादन 2 हेक्टयर व सब्जी बीज उत्पादन 5 हेक्टयर एवं मसाले उत्पादन में 4 हेक्टयर का लाभ ले सकता है। सब्जी उत्पादन के लिए साथ में समनवित मद जैसे बैम्बूस्टेकिंग, मल्चिंग, टनल या मिनी, ड्रीप सिस्टम के साथ सब्जी लगाना अनिवार्य है तथा बीज उत्पादन मद के लिए कम्पनी एवं किसानों के बीच एग्रीमेंट होना अनिवार्य है।

इस अवसर पर कृषि अधिकारी व पंचायत समिति सदस्य मौजूद थे

इस अवसर पर एकीकृत बागवानी विकास केन्द्र सुन्दरह से परियोजना अधिकारी डा. नेहा यादव, डा. रमेश यादव, डा. दिनेश मलिक के अलावा खंड कृषि अधिकारी व पंचायत समिति सदस्य मौजूद थे।

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