Gurugram News : अरावली की श्रृंखलाओं में नवकल्प की प्रकृति संवाद यात्रा से मिली सीख

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Gurugram News : अरावली की श्रृंखलाओं में नवकल्प की प्रकृति संवाद यात्रा से मिली सीख
रुग्राम अरावली की श्रृंखला में नवकल्प फाउंडेशन की ओर से प्रकृति संवाद यात्रा के तहत पहुंचे स्कूली बच्चे व स्टाफ।
  • प्रकृति संवाद यात्रा में लगभग 7 किलोमीटर की पहाड़ी पदयात्रा रही अहम
  • विद्यार्थियों ने प्रकृति की गोद में धरती, पर्यावरण, जंगल, पहाड़ व वन्यजीवों की ध्वनियों को किया महसूस

(Gurugram News) गुरुग्राम। नवकल्प फाउंडेशन द्वारा आयोजित प्रकृति संवाद यात्रा प्रकृति और जीवन के गहरे संबंध को दर्शाने वाली एक उत्कृष्ट पहल साबित हुई। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में गुरुग्राम के राव रामसिंह स्कूल के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे उन्हें अरावली की मनोरम पहाडिय़ों के बीच प्रकृति के महत्व को प्रत्यक्ष रूप से समझने का अवसर मिला।

फाउंडेशन के महासचिव डॉ. सुनील आर्य के कुशल नेतृत्व में सुबह की शांत बेला में शुरू हुई इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को प्रकृति, धरती, पहाड़, जंगल, पर्यावरण वन्य जीवन संरक्षण के प्रति जागरुक और संवेदनशील बनाना था। विद्यार्थियों ने प्रकृति की गोद में पहुंचकर धरती, पर्यावरण, जंगल, पहाड़ और वन्यजीवों की अनमोल ध्वनियों को महसूस किया। भोंडसी गांव में उन्हें बाबा आदेश तिवारी के प्रेरणादायक शब्दों से स्वस्थ जीवनशैली का महत्व भी ज्ञात हुआ-खूब खाओ, खूब पढ़ो पर मेहनत भी खूब करो।

विद्यार्थियों का उत्साह देखते ही बनता था, जिन्होंने अपनी प्रसन्नता और देशभक्ति की भावना को सहज रूप से व्यक्त किया। डॉ. सुनील आर्य ने उन्हें अरावली की पहाडिय़ों और जंगलों की महत्ता से अवगत कराया और इसकी स्वच्छता व संरक्षण को सामूहिक जिम्मेदारी बताया। उन्होंने कुछ स्थानों पर प्लास्टिक कचरा देखकर चिंता जताई, लेकिन राव रामसिंह स्कूल के छात्रों द्वारा दिखाई गई जिम्मेदारी और सफाई प्रयासों की सराहना की।

पहाड़ी पथ पर शिक्षा और सहभागिता

इस प्रकृति संवाद यात्रा में लगभग 7 किलोमीटर की पहाड़ी पदयात्रा भी शामिल थी, जिसमें सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। पक्षियों का मधुर कलरव, मोरों की मनमोहक आवाज और बच्चों की ऊर्जा ने इस अनुभव को अविस्मरणीय बना दिया। मां भुवनेश्वरी के दर्शन और मंदिर की गौशाला के शुद्ध छाछ के प्रसाद ने सभी को शांति और संतुष्टि प्रदान की। यात्रा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी का उजड़ा हुआ भारत यात्रा केंद्र भी देखा गया, जो इतिहास और प्रकृति के अनूठे संगम का प्रतीक था।

इस अवसर पर राव रामसिंह स्कूल के निदेशक जगदीश यादव ने कहा कि नवकल्प फाउंडेशन की यह पहल अत्यंत सराहनीय है। हमारे छात्रों को प्रकृति के करीब लाने और उन्हें पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाने का यह एक बेहतरीन तरीका है। हमने इस यात्रा में पूरे उत्साह के साथ भाग लिया और यह देखकर बहुत खुशी हुई कि हमारे बच्चों ने प्रकृति के साथ एक गहरा संबंध महसूस किया। यह अनुभव उनके जीवन में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना को और मजबूत करेगा।

संकल्प और भविष्य की राह

डॉ. सुनील आर्य ने बच्चों को स्थानीय औषधीय पौधों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी, जिससे उनकी जिज्ञासा शांत हुई और उन्हें प्रकृति के अनमोल उपहारों के बारे में ज्ञान प्राप्त हुआ। छात्रों ने रास्ते में पड़े प्लास्टिक कचरे को एकत्र करके स्वच्छता का महत्वपूर्ण संदेश भी दिया। उन्होंने यह महत्वपूर्ण सबक सीखा कि स्वस्थ जंगल ही मानव जीवन को सुरक्षित रख सकते हैं और पृथ्वी, प्रकृति व पर्यावरण का संरक्षण हम सभी का परम कर्तव्य है।

यह यादगार प्रकृति संवाद यात्रा का समापन मां भुवनेश्वरी मंदिर के शांत वातावरण में स्वादिष्ट लस्सी प्रसाद के साथ हुआ। मंदिर की गौशाला के ताजे दूध से बनी यह लस्सी सभी को बहुत पसंद आई। अरावली की सुरम्य गोद में स्थित यह मंदिर आस्था और शांति का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।

प्रकृति को स्वच्छ रखने और उसका संरक्षण करने का दृढ़ संकल्प लिया

इस अवसर पर सभी ने मिलकर प्रकृति को स्वच्छ रखने और उसका संरक्षण करने का दृढ़ संकल्प लिया। राव रामसिंह स्कूल के निदेशक जगदीश यादव ने इस सफल आयोजन के लिए नवकल्प फाउंडेशन के अध्यक्ष अनिल आर्य और डॉ. सुनील आर्य को विशेष रूप से धन्यवाद दिया। भविष्य में भी इस प्रकार के सहयोगात्मक प्रयासों को जारी रखने की आशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रशासन हमेशा छात्रों को प्रकृति और पर्यावरण के प्रति जागरुक करने वाली ऐसी पहलों का समर्थन करता रहेगा।

निश्चित रूप से नवकल्प फाउंडेशन और राव रामसिंह स्कूल का यह संयुक्त प्रयास युवा पीढ़ी को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाने और उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह पहल प्रकृति और मानव के बीच एक मजबूत और स्थायी संबंध स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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