Good Bye 2019: The players of the field also tried their luck in politics: अलविदा 2019: मैदान के खिलाड़ियों ने राजनीति में भी आजमाई किस्मत

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नई दिल्ली। वर्ष 2019 में भारत ने खेलों में जहां कई उल्लेखनीय सफलताएं हासिल कीं, वहीं कुछ मैदान के खिलाड़ियों ने राजनीतिक धरातल पर भी अपनी किस्मत आजमाने का मन बनाया। इस साल अनेक खिलाड़ियों ने अपनी किस्मत खेल के बाद राजनीति में आजमाई। इनमें से अधिकतर खिलाड़ियों ने इस साल हुए लोकसभा चुनावों में भी भाग लिया और जीत हासिल की।
इस साल क्रिकेटर गौतम गंभीर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रहे अरुण जेटली जब जीवित थे तो उनकी मौजूदगी में गंभीर ने दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। सबसे चर्चित सीटों में से एक पूर्वी दिल्ली सीट से क्रिकेट के मैदान से संन्यास लेकर लोकसभा चुनाव में पहली बार उतरे क्रिकेटर गौतम गंभीर चुनावी मैदान में थे और उन्होंने जीत का परचम लहराराया और भारतीय राजनीति में कदम रखा।
पूर्व एथलीट कृष्णा पुनिया भी इसी तरह चुनावी मैदान में उतरीं। उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने राजस्थान की जयपुर ग्रामीण सीट से उतारा। संयोग से उनके विरुद्ध एक खिलाड़ी ही मैदान में मौजूद थे। बीजेपी सांसद राज्यवर्द्धन सिंह राठौर के खिलाफ कृष्णा पुनिया को उतारा गया। हालांकि ओलिम्पिक पदक विजेता राज्यवर्द्धन सिंह राठौर के सामने कांग्रेस की कृष्णा पूनिया को हार का सामना करना पड़ा था।
ओलंपिक में मुक्केबाजी का पदक जीतने वाले विजेन्दर सिंह एकतरफ तो पेशेवर बाक्सर बने तो दूसरे ओर उन्होंने चुनावी दंगल में भी ताल ठोकी। लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में दक्षिणी दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार बने विजेन्दर सिंह को हार का सामना करना पड़ा। दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने बॉक्सिंग का पंच लगाकर ख्याति बनाने वाले विजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा था लेकिन वह लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सके और हार गए। भारतीय मुक्केबाजी के इस ‘पोस्टर ब्वाय’ को कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव में दक्षिण दिल्ली से भाजपा के रमेश विधूड़ी के खिलाफ उतारा था।
महिला पहलवान बबीता फोगाट भी एक और खिलाड़ी रहीं, जिन्होंने राजनीति में कदम रखा। बबीता फोगाट ने हरियाणा की चरखी दादरी विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमाई। बबीती फोगाट मशहूर रेसलर खिलाड़ी हैं। खेल जगत में इतिहास रचने के बाद चुनावी पारी खेलने के लिए सियासत के अखाड़े में उतरीं। दरअसल, चुनावी संग्राम में मशहूर रेसलर बबीता फोगाट उतरीं। बबिता की तरह उनकी बड़ी बहन गीता फोगाट ने भी भारतीय राजनीति में उतरने में दिलचस्पी दिखाई। महिला पहलवान गीता फोगाट को सोनीपत सीट से प्रत्याशी बनाने को लेकर चर्चा थी। गीता फोगाट ने पहली भारत के लिए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और इन दोनों बहनों पर प्रसिद्ध फिल्म दंगल भी बनी थी।
लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले योगेश्वर दत्त को लेकर हरियाणा विधानसभा में भाजपा का एक और असफल प्रयास रहा। बड़ौदा विधानसभा सीट से मैदान में उतरे योगेश्वर दत्त राजनैतिक रिंग में कदम नहीं रख पाए। योगेश्वर दत्त कांग्रेस के विधायक श्री कृष्ण हुड्डा से चुनाव हार गए। अलबत्ता हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह ने चुनावीं मैदान में जीत हासिल की। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह ने राजनीतिक अखाड़े में उतर कर कुरुक्षेत्र में पिहोवा निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के मंदीप सिंह को भारी मतों से हराया। कुरुक्षेत्र के शाहाबाद से निकलकर भारतीय हॉकी की दशकों तक सेवा करने वाले संदीप सिंह ने जिंदगी की हर चुनौती को पार कर ऊंचाइयां हासिल कीं।

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