Business News Hindi : इस साल शेयर मार्केट पर भारी पड़ा सोना

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Business News Hindi : इस साल शेयर मार्केट पर भारी पड़ा सोना
Business News Hindi : इस साल शेयर मार्केट पर भारी पड़ा सोना

निवेशकों को मिला बेहतर रिटर्न, 2026 में भी सोने की चमक बरकरार रहने की उम्मीद

Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : वर्ष 2025 का अंतिम महीना बीत रहा है। यह साल निवेशकों के लिए अभी तक यादगार बना हुआ है। कारण यह है कि इस साल शेयर बाजार और सोना दोनों ही अपना आॅल टाइम हाई लगा चुके हैं। एक तरफ जहां शेयर बाजार में उथल-पुथल का माहौल रहा है वहीं सोना पूरा साल ही लगातार शिखर की तरफ अग्रसर रहा है। सुरक्षित निवेश एसेट के रूप में सोने की चमक बरकरार रही और साल 2025 में घरेलू बाजार में इसने अब तक लगभग 67 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इस साल गोल्ड करीब 1,32,000 रुपये के आॅल टाइम हाई तक गया। पर गोल्ड के मुकाबले सेंसेक्स और निफ्टी उतना ज्यादा रिटर्न नहीं दे पाया।

वर्ष 2025 में अभी तक इतना ऊपर गए सेंसेक्स-निफ्टी

31 दिसंबर 2024 को सेंसेक्स 78,139.01 पर था, जबकि बीते शुक्रवार को ये 85,712.37 पर बंद हुआ। यानी ये इस साल अब तक 9.69 फीसदी चढ़ चुका है। इस दौरान सेंसेक्स ने 86,159.02 का आॅल टाइम हाई छू लिया। 31 दिसंबर 2024 को निफ्टी 23,644.80 पर था, जबकि शुक्रवार को ये 26,186.45 पर बंद हुआ। यानी ये इस साल 10.75 फीसदी चढ़ चुका है। निफ्टी ने इस साल अब तक 26,325.80 का आॅल-टाइम हाई छू लिया है।

सेंसेक्स और निफ्टी से बहुत आगे निकला सोना

साल 2025 में सेंसेक्स का रिटर्न 9.7 फीसदी और निफ्टी का रिटर्न 10.75 फीसदी रहा। वहीं गोल्ड ने 67 फीसदी की छलांग लगाई। यानी गोल्ड ने सेंसेक्स के मुकाबले 6 गुना से अधिक और निफ्टी के मुकाबले करीब 6 गुना रिटर्न दिया। जानकारों का मानना है कि यदि ग्लोबल हालात और रुपये-डॉलर रेट लगभग समान बनी रहती है या रुपया कमजोर होता है, तो 2026 में सोने की कीमत 5 से 16 प्रतिशत और चढ़ सकती हैं। उनका यह भी कहना है कि सोने की कीमतें रिकॉर्ड हाई के करीब हैं, इसलिए सोच-समझ कर निवेश करना जरूरी है।

एक जनवरी 2025 को 79390 रुपए था सोना

दिल्ली सरार्फा संघ के आंकड़ों अनुसार, इस साल एक जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 79,390 रुपये प्रति 10 ग्राम थी जो बीते शुक्रवार पांच दिसंबर को 1,32,900 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी। इस साल अब तक सोने की कीमत करीब 67 प्रतिशत चढ़ चुकी है। इसका अन्य कारण डॉलर के मुकाबले रुपये का कमजोर होना और मजबूत वैश्विक संकेत है।