Sadbhav Yarta : पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह की दूसरे चरण की सद्भाव यात्रा संपन्न, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी शामिल हुए

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Sadbhav Yarta : पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह की दूसरे चरण की सद्भाव यात्रा संपन्न, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी शामिल हुए
Sadbhav Yarta : पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह की दूसरे चरण की सद्भाव यात्रा संपन्न, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी शामिल हुए

Sadbhav Yarta, (आज समाज), पानीपत : पूर्व सांसद एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के विदेशी मामले विभाग के उपाध्यक्ष बृजेंद्र सिंह की दूसरे चरण की सद्भाव यात्रा शनिवार को संपन्न हो गई। इस दौरान उन्होंने इसराना विधानसभा क्षेत्र के इसराना, कालखा, लोहारी, औसरी, भालसी, मतलौडा व कवि गांवों में जनसंपर्क किया। इस दौरान उन्होने 14 दिसंबर को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में वोट चोरी के मुद्दे पर होने वाली रैली में बढ़-चढ़ भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि वोट चोरी के नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं। जिससे लगता है कि चुनाव हो या न हो, कोई फायदा नहीं। लोकतंत्र पर डाका पड़ रहा है।

बृजेंद्र सिंह ने भाजपा को निशाने पर लिया

पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने इसराना स्थित चौधरी छोटूराम किसान भवन में किसान मसीहा छोटूराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर यात्रा का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह डूमरखां भी मौजूद रहे। वहीं, यात्रा के दौरान अपने संबोधन में बृजेंद्र सिंह ने भाजपा को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा समाज में बंटवारे की राजनीति कर रही है। यह पार्टी कभी भी सबको साथ लेकर नहीं चलती। भाजपा बंटवारे के आधार पर 80-20 की राजनीति करती है। सिर्फ मुसलमानों का विरोध नहीं करती बल्कि हर प्रदेश के हिसाब से 20 प्रतिशत जातियों को अलग छांट लेते हैं।

ये दोनों वह नेता हैं, जिन्होंने घाट-घाट का पानी पी रखा

भाजपा की राजनीति नकारात्मक है, यह विभाजन करके राजनीति करने वाली पार्टी है। हालांकि पहले भी धर्म और जाति के आधार पर राजनीति होती रही है लेकिन मकसद कभी भी समाज में बैर पैदा करने का नहीं रहा। लेकिन हरियाणा में भी अब पिछले 11 वर्ष से भाजपा इसी प्रकार की राजनीति कर रही है। अब पिछले कुछ समय से भाजपा के एक विधायक और राज्यसभा सदस्य समाज में जहर पैदा करने का काम कर रहे हैं। ये दोनों वह नेता हैं, जिन्होंने घाट-घाट का पानी पी रखा है।

भाजपा बाद में इन नेताओं को दूध से मक्खी की तरह अलग कर देती

हालांकि भाजपा कभी भी मूलरूप से अपनी पार्टी के नेताओं से इस प्रकार का काम नहीं करवाती, वह दसूरों से करवाती है यानि जो नेता दूसरी पार्टियों से भाजपा में आए हैं। यही काम वर्ष 2014 में एक सांसद से करवाया था। जिसका आजकल यही नहीं पता कि कहां पर है। भाजपा बाद में इन नेताओं को दूध से मक्खी की तरह अलग कर देती है। पूर्व सांसद ने कहा कि भाजपा चाहती है कि घटिया भाषा का जवाब घटिया भाषा से मिले और समाज में बिखराव पैदा हो। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में भाजपा ने अनुसूचित जाति को भी बांट दिया।

भाजपा का मुकाबला सिर्फ कांग्रेस पार्टी की कर सकती

बृजेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा का मुकाबला सिर्फ कांग्रेस पार्टी की कर सकती है। बाकी राजनीतिक दल तो अपना खोया हुआ वजूद ढूंढ रहे हैं। उन्होंने सद्भाव यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि यात्रा के दौरान नए-नए कार्यकर्ताओं से मुलाकात का मौका मिला। यात्रा का अगला चरण 18 दिसंबर को बावल विधानसभा क्षेत्र से शुरू होगा।

इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह डूमरखां, पूर्व विधायक राजरानी पूनम व शमशेर सिंह गोगी के अलावा चाणक्य पंडित, जितेंद्र कुंडू, लाजवंती ढिल्लो, पूर्ण सिंह डिडवारी, सुरेंद्र खरब एडवोकेट, रघबीर संधू, बाबू राम कौशिक, कर्मचंद पूनम, प्रेम भंडारी, सुभाष तंवर, दीप चंद कल्याण, जोगिंद्र कल्याण, कपिल जागलान, भंवर सिंह, प्रेम सिंह वाल्मीकि व एडवोकेट अमित काजल प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

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