Mehli Mistry’s resignation : आखिर टाटा के कुछ ट्रस्ट से हटे मेहली मिस्त्री

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Mehli Mistry's resignation : आखिर टाटा के कुछ ट्रस्ट से हटे मेहली मिस्त्री
Mehli Mistry's resignation : आखिर टाटा के कुछ ट्रस्ट से हटे मेहली मिस्त्री

28 अक्टूबर को खत्म हो गया था कार्यकाल, इसके बाद उठ रही थी कई तरह की अफवाहें

Mehli Mistry’s resignation (आज समाज), बिजनेस डेस्क : आखिरकार टाटा ग्रुप के कुछ अहम ट्रस्ट से मेहली मिस्त्री ने पीछे हटते हुए अपना इस्तीफा दे दिया। ज्ञात रहे कि टाटा समूह में मेहली मिस्त्री का योगदान काफी अहम रहा है और रत्न टाटा के बाद मेहली मिस्त्री इस समूह के सबसे ज्यादा प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक हैं। मिस्त्री का कार्यकाल बीती 28 अक्टूबर को समाप्त हो गया था।

इसके बाद से ही उनके समूह में बने रहने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रहीं थी। बीच में यह बात भी सामने आई थी कि मिस्त्री को समूह में आजीवन ट्रस्टी बनाया जा रहा है। जिसके चलते टाटा ग्रुप में एक तरह की नई बहस शुरू हो गई थी। जोकि पिछले दिनों हुए समूह के सालाना सम्मेलन में भी काफी चर्चा में रही थी। हालांकि अब इस तरह की सभी अफवाहों को विराम देते हुए मिस्त्री ने ग्रुप के कुछ अहम ट्रस्टों से अपना इस्तीफा दे दिया है। मिस्त्री के इस्तीफ के बाद टाटा मोटर्स और टाटा स्टील के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी।

इन ट्रस्ट से दिया इस्तीफा

मेहली मिस्री ने तीन ट्रस्टों से इस्तीफा दे दिया है। इसमें सर रतन टाटा ट्रस्ट, सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और बाई हीराबाई जेएन टाटा नावसारी चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन ट्रस्ट शामिल है। 4 नवंबर को एक लेटर में उन्होंने इसकी जानकारी दी। बीते दिनों टाटा ट्रस्ट्स के प्रमुख चैरिटी आर्म्स में मिस्री के रिअपॉइंटमेंट को लेकर वोटिंग हुई थी। इसमें तीन ट्रस्ट्रीज नोएल टाटा, वेणु श्रीनिवासन और विजय सिंह ने उनके री-अपॉइंटमेंट के खिलाफ वोट डाला था। मिस्त्री का कार्यकाल 28 अक्टूबर को खत्म हो रहा था।

मिस्त्री ने समूह के नाम यह पत्र छोड़ा

मिस्त्री ने अपने लेटर में लिखा कि रतन एन टाटा के विजन के प्रति मेरे समर्पण में ये भी जिम्मेदारी निभाना शामिल है कि टाटा ट्रस्ट्स को किसी विवाद में न धकेला जाए। मेरा मानना है कि चीजों को और उलझाने से टाटा ट्रस्ट्स की साख को ऐसा नुकसान होगा जो कभी ठीक नहीं हो सकेगा। अपने पत्र के अंत में उन्होंने रतन टाटा का एक कोट भी याद किया कि नोबॉडी इज बिगर दैन द इंस्टीट्यूशन इट सर्व्स। यानी, कोई भी संस्था से बड़ा नहीं होता जिसकी वो सेवा करता है। मिस्त्री अब भी टाटा एजुकेशन एंड डेवलपमेंट ट्रस्ट और ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल से जुड़े रहेंगे, जहां टाटा ग्रुप ने हाल ही में फंड्स से 500 करोड़ डोनेट किए। रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा ने चेयरमैनशिप संभाली और तब से ट्रस्ट्स में कंसॉलिडेशन हो रहा है।

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